लैव्यव्यवस्था 7:6 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019
याजकों में के सब पुरुष उसमें से खा सकते हैं; वह किसी पवित्रस्थान में खाया जाए; क्योंकि वह परमपवित्र है। (1 कुरि. 10:18)
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“हर एक पुरुष जो याजक है, दोषबलि खा सकता है। यह बहुत पवित्र है। अत: इसे एक निश्चित पवित्र स्थान में खाना चाहिए।
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याजकों में के सब पुरूष उस में से खा सकते हैं; वह किसी पवित्रस्थान में खाया जाए; क्योंकि वह परमपवित्र है।
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पुरोहितों के परिवार के समस्त पुरुष उसको खा सकते हैं। वह पवित्र स्थान में खाई जाएगी। वह परम पवित्र है।
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याजकों में के सब पुरुष उसमें से खा सकते हैं; वह किसी पवित्रस्थान में खाया जाए; क्योंकि वह परमपवित्र है।
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याजकों के परिवार के सब पुरुष उसे खा सकते हैं। उसे पवित्रस्थान में खाया जाए; वह परमपवित्र है।
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पुरोहितों में से हर एक पुरुष इसको खा सकता है. इसको पवित्र स्थान में ही खाया जाए; यह परम पवित्र है.
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