लैव्यव्यवस्था 23:32 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019
वह दिन तुम्हारे लिये परमविश्राम का हो, उसमें तुम उपवास करना; और उस महीने के नवें दिन की साँझ से अगली साँझ तक अपना विश्रामदिन माना करना।”
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यह तुम्हारे लिए आराम का विशेष, दिन होगा। तुम्हें भोजन नहीं करना चाहिए। तुम आराम के इस विशेष दिन को महीने के नवें दिन की सन्ध्या से आरम्भ करोगे। यह आराम का विशेष दिन उस सन्ध्या से आरम्भ करके अगली सन्धया तक रहता है।”
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वह दिन तुम्हारे लिये परमविश्राम का हो, उस में तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना; और उस महीने के नवें दिन की सांझ से ले कर दूसरी सांझ तक अपना विश्रामदिन माना करना॥
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वह तुम्हारे लिए परम विश्राम-दिवस होगा। उस दिन तुम स्वयं को उपवास के द्वारा पीड़ित करना। तुम उस महीने के नवें दिन की सन्ध्या से दूसरे दिन की सन्ध्या तक विश्राम-दिवस मनाना।’
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वह दिन तुम्हारे लिये परमविश्राम का हो, उसमें तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना; और उस महीने के नवें दिन की साँझ से लेकर दूसरी साँझ तक अपना विश्रामदिन माना करना।”
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वह तुम्हारे लिए परमविश्राम का दिन हो, और तुम उसमें अपने आपको कष्ट देना; और उस महीने के नौवें दिन की साँझ से लेकर अगली साँझ तक अपना विश्रामदिन मानना।”
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यह तुम्हारे लिए संपूर्ण विश्राम का शब्बाथ है, इस दिन तुम अपने हृदयों को नम्र करोगे; माह के नौवें दिन शाम से शाम तक शब्बाथ का पालन करोगे.”
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