जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा।
लूका 3:36 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह केनान का, वह अरफक्षद का, और वह शेम का, वह नूह का, वह लेमेक का, (उत्प. 11:10-26, 1 इति. 1:24-27) पवित्र बाइबल शिलह जो केनान का, केनान जो अरफक्षद का, अरफक्षद जो शेम का, शेम जो नूह का, नूह जो लिमिक का, Hindi Holy Bible और वह केनान का, वह अरफज्ञद का, और वह शेम का, वह नूह का, वह लिमिक का। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह केनान का, वह अर्पक्षद का, वह शेम का, वह नूह का, वह लामेक का, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वह केनान का, और वह अरफक्षद का, और वह शेम का, और वह नूह का, और वह लिमिक का, नवीन हिंदी बाइबल जो केनान का, जो अर्पक्षद का, जो शेम का, जो नूह का, जो लेमेक का, सरल हिन्दी बाइबल शेलाह केनन के, केनन अरफाक्साद के, अरफाक्साद शेम के, शेम नोहा के, नोहा लामेख़ के, |
जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा।
और क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगनेवाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, जो-जो भूमि पर थे, सब पृथ्वी पर से मिट गए; केवल नूह, और जितने उसके संग जहाज में थे, वे ही बच गए।
परमेश्वर ने नूह और जितने जंगली पशु और घरेलू पशु उसके संग जहाज में थे, उन सभी की सुधि ली: और परमेश्वर ने पृथ्वी पर पवन बहाई, और जल घटने लगा।
फिर परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी और उनसे कहा, “फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी में भर जाओ।
तब चाहे उसमें नूह, दानिय्येल और अय्यूब ये तीनों पुरुष हों, तो भी वे अपने धार्मिकता के द्वारा केवल अपने ही प्राणों को बचा सकेंगे; प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
जिस दिन तक नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उनमें विवाह-शादी होती थी; तब जल-प्रलय ने आकर उन सब को नाश किया।
विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चेतावनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोषी ठहराया; और उस धार्मिकता का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है। (उत्प. 6:13-22, उत्प. 7:1)
जिन्होंने उस बीते समय में आज्ञा न मानी जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज धरकर ठहरा रहा, और वह जहाज बन रहा था, जिसमें बैठकर कुछ लोग अर्थात् आठ प्राणी पानी के द्वारा बच गए।
और प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा, वरन् भक्तिहीन संसार पर महा जल-प्रलय भेजकर धार्मिकता के प्रचारक नूह समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया; (उत्प. 6:5-8, उत्प. 7:23)