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रोमियों 8:27 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और मनों का जाँचनेवाला जानता है, कि पवित्र आत्मा की मनसा क्या है? क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार विनती करता है।

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पवित्र बाइबल

किन्तु वह अन्तर्यामी जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है। क्योंकि परमेश्वर की इच्छा से ही वह परमेश्वर के पवित्र जनों के लिए मध्यस्थता करती है।

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Hindi Holy Bible

और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बिनती करता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

परमेश्‍वर हमारे हृदय का रहस्‍य जानता है। वह समझता है कि आत्‍मा का अभिप्राय क्‍या है,क्‍योंकि आत्‍मा परमेश्‍वर की इच्‍छानुसार सन्‍तों के लिए विनती करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और मनों का जाँचनेवाला जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है? क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्‍वर की इच्छा के अनुसार विनती करता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

मनों को जाँचनेवाला जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है, क्योंकि वह परमेश्‍वर की इच्छा के अनुसार पवित्र लोगों के लिए विनती करता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

तथा मनों को जांचनेवाले परमेश्वर यह जानते हैं कि पवित्र आत्मा का उद्देश्य क्या है क्योंकि पवित्र आत्मा परमेश्वर की इच्छा के अनुसार पवित्र लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं.

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रोमियों 8:27
28 क्रॉस रेफरेंस  

“हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जाँचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझको मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझको छोड़ देगा।


और हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जाँचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है; मैंने तो यह सब कुछ मन की सिधाई और अपनी इच्छा से दिया है; और अब मैंने आनन्द से देखा है, कि तेरी प्रजा के लोग जो यहाँ उपस्थित हैं, वह अपनी इच्छा से तेरे लिये भेंट देते हैं।


हे यहोवा, तूने मुझे जाँचकर जान लिया है। (रोम. 8:27)


हे प्रभु मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं।


तो क्या परमेश्वर इसका विचार न करता? क्योंकि वह तो मन की गुप्त बातों को जानता है।


भला हो कि दुष्टों की बुराई का अन्त हो जाए, परन्तु धर्मी को तू स्थिर कर; क्योंकि धर्मी परमेश्वर मन और मर्म का ज्ञाता है।


चाँदी के लिये कुठाली, और सोने के लिये भट्ठी होती है, परन्तु मनों को यहोवा जाँचता है। (1 पत. 1:17)


परन्तु, अब हे सेनाओं के यहोवा, हे धर्मी न्यायी, हे अन्तःकरण की बातों के ज्ञाता, तू उनका पलटा ले और मुझे दिखा, क्योंकि मैंने अपना मुकद्दमा तेरे हाथ में छोड़ दिया है। (भज. 7:9, प्रका. 2:23)


“मैं यहोवा मन को खोजता और हृदय को जाँचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात् उसके कामों का फल दूँ।” (1 पत. 1:17, प्रका. 2:23, प्रका. 20:12,13, प्रका. 22:12)


हे सेनाओं के यहोवा, हे धर्मियों के परखनेवाले और हृदय और मन के ज्ञाता, जो बदला तू उनसे लेगा, उसे मैं देखूँ, क्योंकि मैंने अपना मुकद्दमा तेरे ऊपर छोड़ दिया है।


इसलिए तुम उनके समान न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे माँगने से पहले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या-क्या आवश्यकताएँ है।


उसने उनसे कहा, “तुम तो मनुष्यों के सामने अपने आपको धर्मी ठहराते हो, परन्तु परमेश्वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान है, वह परमेश्वर के निकट घृणित है।


और जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोगे, वही मैं करूँगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।


उसने तीसरी बार उससे कहा, “हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझसे प्रीति रखता है?” पतरस उदास हुआ, कि उसने उसे तीसरी बार ऐसा कहा, “क्या तू मुझसे प्रीति रखता है?” और उससे कहा, “हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ।” यीशु ने उससे कहा, “मेरी भेड़ों को चरा।


और यह कहकर प्रार्थना की, “हे प्रभु, तू जो सब के मन को जानता है, यह प्रगट कर कि इन दोनों में से तूने किसको चुना है,


और मन के जाँचने वाले परमेश्वर ने उनको भी हमारे समान पवित्र आत्मा देकर उनकी गवाही दी;


फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन् मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।


शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है।


क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पहुँच होती है।


पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इसमें मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जाँचता है, प्रसन्न करते हैं। (तीतु. 1:3, इफि. 6:6)


और सृष्टि की कोई वस्तु परमेश्वर से छिपी नहीं है वरन् जिसे हमें लेखा देना है, उसकी आँखों के सामने सब वस्तुएँ खुली और प्रगट हैं।


इसलिए तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिससे चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।


मैं उसके बच्चों को मार डालूँगा; और तब सब कलीसियाएँ जान लेंगी कि हृदय और मन का परखनेवाला मैं ही हूँ, और मैं तुम में से हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला दूँगा। (भज. 7:9)