परन्तु यह कहकर उनसे विदा हुआ, “यदि परमेश्वर चाहे तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” तब इफिसुस से जहाज खोलकर चल दिया;
रोमियों 1:10 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और नित्य अपनी प्रार्थनाओं में विनती करता हूँ, कि किसी रीति से अब भी तुम्हारे पास आने को मेरी यात्रा परमेश्वर की इच्छा से सफल हो। पवित्र बाइबल अपनी प्रार्थनाओं में मैं सदा ही विनती करता रहता हूँ कि परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आने की मेरी यात्रा किसी तरह पूरी हो। Hindi Holy Bible और नित्य अपनी प्रार्थनाओं में बिनती करता हूं, कि किसी रीति से अब भी तुम्हारे पास आने को मेरी यात्रा परमेश्वर की इच्छा से सुफल हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और सदा यह निवेदन करता हूँ कि परमेश्वर की इच्छा से किसी-न-किसी तरह मुझे अन्त में आप लोगों के पास आने का सुअवसर मिले। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और नित्य अपनी प्रार्थनाओं में विनती करता हूँ कि किसी रीति से अब तुम्हारे पास आने की मेरी यात्रा परमेश्वर की इच्छा से सफल हो। नवीन हिंदी बाइबल और सदैव अपनी प्रार्थनाओं में विनती करता हूँ कि किसी प्रकार अब मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आने में सफल हो जाऊँ। सरल हिन्दी बाइबल और विनती करता हूं कि यदि संभव हो तो परमेश्वर की इच्छा अनुसार मैं तुमसे भेंट करने आऊं. |
परन्तु यह कहकर उनसे विदा हुआ, “यदि परमेश्वर चाहे तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” तब इफिसुस से जहाज खोलकर चल दिया;
जब ये बातें हो चुकी तो पौलुस ने आत्मा में ठाना कि मकिदुनिया और अखाया से होकर यरूशलेम को जाऊँ, और कहा, “वहाँ जाने के बाद मुझे रोम को भी देखना अवश्य है।”
पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित होने के लिये बुलाया गया और भाई सोस्थिनेस की ओर से।
परन्तु प्रभु चाहे तो मैं तुम्हारे पास शीघ्र ही आऊँगा, और उन फूले हुओं की बातों को नहीं, परन्तु उनकी सामर्थ्य को जान लूँगा।
किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ।
इसलिए हमने (अर्थात् मुझ पौलुस ने) एक बार नहीं, वरन् दो बार तुम्हारे पास आना चाहा, परन्तु शैतान हमें रोके रहा।
और यह भी, कि मेरे लिये ठहरने की जगह तैयार रख; मुझे आशा है, कि तुम्हारी प्रार्थनाओं के द्वारा मैं तुम्हें दे दिया जाऊँगा।
प्रार्थना करने के लिये मैं तुम्हें और भी उत्साहित करता हूँ, ताकि मैं शीघ्र तुम्हारे पास फिर आ सकूँ।
इसके विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, “यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे।”