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यूहन्ना 6:51 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।”

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पवित्र बाइबल

मैं ही वह जीवित रोटी हूँ जो स्वर्ग से उतरी है। यदि कोई इस रोटी को खाता है तो वह अमर हो जायेगा। और वह रोटी जिसे मैं दूँगा, मेरा शरीर है। इसी से संसार जीवित रहेगा।”

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Hindi Holy Bible

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

स्‍वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्‍त रोटी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खायेगा, तो वह सदा जीवित रहेगा। और जो रोटी मैं दूँगा, वह मेरी देह है जो मैं संसार के जीवन के लिए अर्पित करूँगा।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा मांस है।”

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नवीन हिंदी बाइबल

जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाएगा, वह अनंत काल तक जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिए दूँगा, वह मेरा मांस है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

स्वर्ग से उतरी जीवन की रोटी मैं ही हूं. जो कोई यह रोटी खाता है, वह हमेशा जीवित रहेगा. जो रोटी मैं दूंगा, वह संसार के जीवन के लिए भेंट मेरा शरीर है.”

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यूहन्ना 6:51
30 क्रॉस रेफरेंस  

जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिए नहीं आया कि अपनी सेवा करवाए, परन्तु इसलिए आया कि सेवा करे और बहुतों के छुटकारे के लिये अपने प्राण दे।”


फिर उसने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उनको यह कहते हुए दी, “यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये दी जाती है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।”


और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। (1 यूह. 4:9)


दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप हरता है। (1 पत. 1:19, यशा. 53:7)


और जो कोई जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?”


कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात् मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है। (यहू. 6:38)


और जिस तरह से मूसा ने जंगल में साँप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए। (यूह. 8:28)


“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।


जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।”


मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है।


क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।”


यीशु ने उनसे कहा, “जीवन की रोटी मैं हूँ: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।


तब यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, इसलिए कि उसने कहा था, “जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूँ।”


मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है।


जीवन की रोटी मैं हूँ।


यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उसमें से खाए और न मरे।


जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्रशास्त्र में आया है, ‘उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगी।’”


अर्थात् परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।


जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उसमें होकर परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएँ।


और प्रेम में चलो जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आपको सुखदायक सुगन्ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया। (यूह. 13:34, गला. 2:20)


हे पतियों, अपनी-अपनी पत्नी से प्रेम रखो, जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम करके अपने आपको उसके लिये दे दिया,


जिसने अपने आपको हमारे लिये दे दिया, कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले-भले कामों में सरगर्म हो। (निर्ग. 19:5, व्यव. 4:20, व्यव. 7:6, व्यव. 14:2, भज. 72:14, भज. 130:8, यहे. 37:23)


जो उसने परदे अर्थात् अपने शरीर में से होकर, हमारे लिये अभिषेक किया है,


उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीविता पत्थर है।


और वही हमारे पापों का प्रायश्चित है: और केवल हमारे ही नहीं, वरन् सारे जगत के पापों का भी।


प्रेम इसमें नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया पर इसमें है, कि उसने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिये अपने पुत्र को भेजा।


और हमने देख भी लिया और गवाही देते हैं कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता होने के लिए भेजा है।