देखो हमारे पुरखाओं ने विश्वासघात करके वह कर्म किया था, जो हमारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है और उसको तज करके यहोवा के निवास से मुँह फेरकर उसको पीठ दिखाई थी।
यिर्मयाह 2:27 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे काठ से कहते हैं, ‘तू मेरा पिता है,’ और पत्थर से कहते हैं, ‘तूने मुझे जन्म दिया है।’ इस प्रकार उन्होंने मेरी ओर मुँह नहीं पीठ ही फेरी है; परन्तु विपत्ति के समय वे कहते हैं, ‘उठकर हमें बचा!’ पवित्र बाइबल वे लोग लकड़ी के टुकड़ो से बातें करते हैं, वे कहते हैं, ‘तुम मेरे पिता हो।’ वे लोग चट्टान से बात करते हैं, वे कहते हैं, ‘तुमने मुझे जन्म दिया है।’ वे सभी लोग लज्जित होंगे। वे लोग मेरी ओर ध्यान नहीं देते। उन्होंने मुझसे पीठ फेर ली है। किन्तु जब यहूदा के लोगों पर विपत्ति आती है तब वे मुझसे कहते हैं, ‘आ और हमें बचा!’ Hindi Holy Bible वे काठ से कहते हैं, तू मेरा बाप है, और पत्थर से कहते हैं, तू ने मुझे जन्म दिया है। इस प्रकार उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं पीठ ही फेरी है; परन्तु विपत्ति के समय वे कहते हैं, उठ कर हमें बचा! पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे काठ स्तम्भ से कहते हैं, “तू हमारा पिता है।” वे पत्थर से कहते हैं, “तूने ही हमें जन्म दिया है।” उन्होंने मेरी ओर अपना मुंह नहीं वरन् अपनी पीठ फेरी है। जब उन पर संकट के बादल मंडराते हैं, तब मुझसे कहते हैं, “उठ और हमें बचा।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे काठ से कहते हैं, ‘तू मेरा बाप है,’ और पत्थर से कहते हैं, ‘तू ने मुझे जन्म दिया है।’ इस प्रकार उन्होंने मेरी ओर मुँह नहीं पीठ ही फेरी है; परन्तु विपत्ति के समय वे कहते हैं, ‘उठकर हमें बचा!’ सरल हिन्दी बाइबल वे वृक्ष से कहते हैं, ‘तुम मेरे पिता हो,’ तथा पत्थर से, ‘तुमने मुझे जन्म दिया है.’ यह इसलिये कि उन्होंने अपनी पीठ मेरी ओर कर दी है अपना मुख नहीं; किंतु अपने संकट के समय, वे कहेंगे, ‘उठिए और हमारी रक्षा कीजिए!’ |
देखो हमारे पुरखाओं ने विश्वासघात करके वह कर्म किया था, जो हमारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है और उसको तज करके यहोवा के निवास से मुँह फेरकर उसको पीठ दिखाई थी।
हे यहोवा, दुःख में वे तुझे स्मरण करते थे, जब तू उन्हें ताड़ना देता था तब वे दबे स्वर से अपने मन की बात तुझ पर प्रगट करते थे।
मैं उनको पुरवाई से उड़ाकर शत्रु के सामने से तितर-बितर कर दूँगा। उनकी विपत्ति के दिन मैं उनको मुँह नहीं परन्तु पीठ दिखाऊँगा।”
जंगल में पली हुई जंगली गदही जो कामातुर होकर वायु सूँघती फिरती है तब कौन उसे वश में कर सकता है? जितने उसको ढूँढ़ते हैं वे व्यर्थ परिश्रम न करें; क्योंकि वे उसे उसकी ॠतु में पाएँगे।
हे लबानोन की रहनेवाली, हे देवदार में अपना घोंसला बनानेवाली, जब तुझको जच्चा की सी पीड़ाएँ उठें तब तू व्याकुल हो जाएगी!”
उसके निर्लज्ज-व्यभिचारिणी होने के कारण देश भी अशुद्ध हो गया, उसने पत्थर और काठ के साथ भी व्यभिचार किया।
हाय, हाय, वह दिन क्या ही भारी होगा! उसके समान और कोई दिन नहीं; वह याकूब के संकट का समय होगा; परन्तु वह उससे भी छुड़ाया जाएगा।
उन्होंने मेरी ओर मुँह नहीं वरन् पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तो भी उन्होंने मेरी शिक्षा को नहीं माना।
सिदकिय्याह राजा ने शेलेम्याह के पुत्र यहूकल और मासेयाह के पुत्र सपन्याह याजक को यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के पास यह कहला भेजा, “हमारे निमित्त हमारे परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर।”
यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के निकट आकर कहने लगे, “हमारी विनती ग्रहण करके अपने परमेश्वर यहोवा से हम सब बचे हुओं के लिये प्रार्थना कर, क्योंकि तू अपनी आँखों से देख रहा है कि हम जो पहले बहुत थे, अब थोड़े ही बच गए हैं।
तूने जो मुझे भुला दिया है और अपना मुँह मुझसे फेर लिया है, इसलिए तू आप ही अपने महापाप और व्यभिचार का भार उठा, परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।”
तब वह मुझे यहोवा के भवन के भीतरी आँगन में ले गया; और वहाँ यहोवा के भवन के द्वार के पास ओसारे और वेदी के बीच कोई पच्चीस पुरुष अपनी पीठ यहोवा के भवन की ओर और अपने मुख पूर्व की ओर किए हुए थे; और वे पूर्व दिशा की ओर सूर्य को दण्डवत् कर रहे थे।
हे प्रभु, तू धर्मी है, परन्तु हम लोगों को आज के दिन लज्जित होना पड़ता है, अर्थात् यरूशलेम के निवासी आदि सब यहूदी, क्या समीप क्या दूर के सब इस्राएली लोग जिन्हें तूने उस विश्वासघात के कारण जो उन्होंने तेरे साथ किया था, देश-देश में तितर-बितर कर दिया है, उन सभी को लज्जित होना पड़ता है।
मेरी प्रजा के लोग काठ के पुतले से प्रश्न करते हैं, और उनकी छड़ी उनको भविष्य बताती है। क्योंकि छिनाला करानेवाली आत्मा ने उन्हें बहकाया है, और वे अपने परमेश्वर की अधीनता छोड़कर छिनाला करते हैं।
जब तक वे अपने को अपराधी मानकर मेरे दर्शन के खोजी न होंगे तब तक मैं अपने स्थान को न लौटूँगा, और जब वे संकट में पड़ेंगे, तब जी लगाकर मुझे ढूँढ़ने लगेंगे।
वे मन से मेरी दुहाई नहीं देते, परन्तु अपने बिछौने पर पड़े हुए हाय, हाय, करते हैं; वे अन्न और नया दाखमधु पाने के लिये भीड़ लगाते, और मुझसे बलवा करते हैं।