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याकूब 2:14 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उससे क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?

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पवित्र बाइबल

हे मेरे भाईयों, यदि कोई व्यक्ति कहता है कि वह विश्वासी है तो इसका क्या लाभ जब तक कि उसके कर्म विश्वास के अनुकूल न हों? ऐसा विश्वास क्या उसका उद्धार कर सकता है?

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Hindi Holy Bible

हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मेरे भाइयो और बहिनो! यदि कोई यह कहता है कि मैं विश्‍वास करता हूँ, किन्‍तु उसके अनुसार आचरण नहीं करता, तो इस से क्‍या लाभ? क्‍या विश्‍वास ही उसका उद्धार कर सकता है?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

हे मेरे भाइयो, यदि कोई कहे कि मुझे विश्‍वास है पर वह कर्म न करता हो, तो इससे क्या लाभ? क्या ऐसा विश्‍वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?

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नवीन हिंदी बाइबल

हे मेरे भाइयो, यदि कोई कहे कि उसे विश्‍वास है, परंतु कार्य न करे तो इससे क्या लाभ? क्या ऐसा विश्‍वास उसका उद्धार कर सकता है?

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सरल हिन्दी बाइबल

प्रिय भाई बहनो, क्या लाभ है यदि कोई यह दावा करे कि उसे विश्वास है किंतु उसका स्वभाव इसके अनुसार नहीं? क्या ऐसा विश्वास उसे उद्धार प्रदान करेगा?

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याकूब 2:14
31 क्रॉस रेफरेंस  

“देखो, तुम झूठी बातों पर भरोसा रखते हो जिनसे कुछ लाभ नहीं हो सकता।


क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फरीसियों की धार्मिकता से बढ़कर न हो, तो तुम स्वर्ग के राज्य में कभी प्रवेश करने न पाओगे।


उसने उन्हें उतर दिया, “जिसके पास दो कुर्ते हों? वह उसके साथ जिसके पास नहीं हैं बाँट ले और जिसके पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।”


परन्तु जो सुनकर नहीं मानता, वह उस मनुष्य के समान है, जिसने मिट्टी पर बिना नींव का घर बनाया। जब उस पर धारा लगी, तो वह तुरन्त गिर पड़ा, और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।”


और विश्वास के द्वारा उनके मन शुद्ध करके हम में और उनमें कुछ भेद न रखा।


तब शमौन ने स्वयं भी विश्वास किया और बपतिस्मा लेकर फिलिप्पुस के साथ रहने लगा और चिन्ह और बड़े-बड़े सामर्थ्य के काम होते देखकर चकित होता था।


इस बात में न तेरा हिस्सा है, न भाग; क्योंकि तेरा मन परमेश्वर के आगे सीधा नहीं। (भज. 78:37)


यदि तू व्यवस्था पर चले, तो खतने से लाभ तो है, परन्तु यदि तू व्यवस्था को न माने, तो तेरा खतना बिन खतना की दशा ठहरा। (यिर्म. 4:4)


उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैंने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ।


यदि कोई प्रभु से प्रेम न रखे तो वह शापित हो। हे हमारे प्रभु, आ!


हे भाइयों, तुम स्वतंत्र होने के लिये बुलाए गए हो; परन्तु ऐसा न हो, कि यह स्वतंत्रता शारीरिक कामों के लिये अवसर बने, वरन् प्रेम से एक दूसरे के दास बनो।


और मसीह यीशु में न खतना, न खतनारहित कुछ काम का है, परन्तु केवल विश्वास का जो प्रेम के द्वारा प्रभाव करता है।


और अपने परमेश्वर और पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के काम, और प्रेम का परिश्रम, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा की धीरता को लगातार स्मरण करते हैं।


आज्ञा का सारांश यह है कि शुद्ध मन और अच्छे विवेक, और निष्कपट विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो।


क्योंकि देह के प्रशिक्षण से कम लाभ होता है, पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आनेवाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है।


वे कहते हैं, कि हम परमेश्वर को जानते हैं पर अपने कामों से उसका इन्कार करते हैं, क्योंकि वे घृणित और आज्ञा न माननेवाले हैं और किसी अच्छे काम के योग्य नहीं।


यह बात सच है, और मैं चाहता हूँ, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिए कि जिन्होंने परमेश्वर पर विश्वास किया है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें। ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।


विश्वास ही से अब्राहम ने, परखे जाने के समय में, इसहाक को बलिदान चढ़ाया, और जिसने प्रतिज्ञाओं को सच माना था। (उत्प. 22:1-10)


नाना प्रकार के और ऊपरी उपदेशों से न भरमाए जाओ, क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन खाने की वस्तुओं से जिनसे काम रखनेवालों को कुछ लाभ न हुआ।


हे मेरे प्रिय भाइयों, धोखा न खाओ।


और तुम में से कोई उनसे कहे, “शान्ति से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्त रहो,” पर जो वस्तुएँ देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ?


वरन् कोई कह सकता है, “तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूँ।” तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊँगा।


जैसे देह आत्मा बिना मरी हुई है वैसा ही विश्वास भी कर्म बिना मरा हुआ है।


और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ,