ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




यहेजकेल 41:7 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

भवन के आस-पास जो कोठरियाँ बाहर थीं, उनमें से जो ऊपर थीं, वे अधिक चौड़ी थीं; अर्थात् भवन के आस-पास जो कुछ बना था, वह जैसे-जैसे ऊपर की ओर चढ़ता गया, वैसे-वैसे चौड़ा होता गया; इस रीति, इस घर की चौड़ाई ऊपर की ओर बढ़ी हुई थी, और लोग निचली मंजिल के बीच से ऊपरी मंजिल को चढ़ सकते थे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

मन्दिर के चारों ओर बगल के कमरों की मंजिल नीचे की मंजिल से अधिक चौड़ी थी। मन्दिर के चारों ओर ऊँचा चबूतरा हर मंजिल पर मन्दिर की हर एक ओर फैला हुआ था। इसलिए सबसे ऊपर के मंजिल पर कमरे अधिक चौड़े थे। दूसरी मंजिल से होकर एक सीढ़ी सबसे नीचे के मंजिल से सबसे उँचे मंजिल तक गई थी।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

और भवन के आस पास जो कोठरियां बाहर थीं, उन में से जो ऊपर थीं, वे अधिक चौड़ी थीं; अर्थात भवन के आस पास जो कुछ बना था, वह जैसे जैसे ऊपर की ओर चढ़ता गया, वैसे वैसे चौड़ा होता गया; इस रीति, इस घर की चौड़ाई ऊपर की ओर बढ़ी हुई थी, और लोग नीचले महल के बीच से उपरले महल को चढ़ सकते थे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

कमरे ऊपर की मंजिलों की ओर क्रमश: चौड़े होते गए थे, क्‍योंकि मन्‍दिर की दीवारों के मोड़ भी ऊपर की मन्‍जिल की ओर क्रमश: चौड़े होते गए थे। मोड़ों की चौड़ाई और कमरों की चौड़ाई समान अनुपात में थी। मन्‍दिर के एक ओर जीना था, जो ऊपर की ओर गया था। उसी से होकर कोई भी व्यक्‍ति नीचे की मंजिल से दूसरी, तीसरी मंजिल पर जा सकता था।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

भवन के आसपास जो कोठरियाँ बाहर थीं, उनमें से जो ऊपर थीं, वे अधिक चौड़ी थीं; अर्थात् भवन के आसपास जो कुछ बना था, वह जैसे जैसे ऊपर की ओर चढ़ता गया, वैसे वैसे चौड़ा होता गया; इस रीति, इस घर की चौड़ाई ऊपर की ओर बढ़ गई थी, और लोग निचली मंजिल के बीच से ऊपरी मंजिल को चढ़ सकते थे।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

मंदिर के चारों ओर बाजू के कमरे हर मंजिल पर चौड़े होते गये थे. मंदिर के चारों ओर की संरचना हर मंजिल बड़ी होती गई थी. जिसके कारण ऊपर जाने पर कमरे चौड़े होते गये थे. निचली मंजिल से एक सीढ़ी बीच की मंजिल से होते हुए ऊपर की मंजिल तक गई थी.

अध्याय देखें



यहेजकेल 41:7
4 क्रॉस रेफरेंस  

और उसने भवन के आस-पास की दीवारों से सटे हुए अर्थात् मन्दिर और दर्शन-स्थान दोनों दीवारों के आस-पास उसने मंजिलें और कोठरियाँ बनाई।


बाहर की बीचवाली कोठरियों का द्वार भवन की दाहिनी ओर था, और लोग चक्करदार सीढ़ियों पर होकर बीचवाली कोठरियों में जाते, और उनसे ऊपरवाली कोठरियों पर जाया करते थे।


वह सब बीजों से छोटा तो है पर जब बढ़ जाता है तब सब साग-पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं।”


इसलिए आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़कर, हम सिद्धता की ओर बढ़ते जाएँ, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने,