तू जो समुद्र का महाशब्द, उसकी तरंगों का महाशब्द, और देश-देश के लोगों का कोलाहल शान्त करता है; (मत्ती 8:26, यशा. 17:12,13)
यहूदा 1:13 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं। ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदाकाल तक घोर अंधकार रखा गया है। (यशा. 57:20) पवित्र बाइबल वे समुद्र की ऐसी भयानक लहरें हैं, जो अपने लज्जापूर्ण कार्यों का झाग उगलती रहती हैं। वे इधर-उधर भटकते ऐसे तारे हैं जिनके लिए अनन्त गहन अंधकार सुनिश्चित कर दिया गया है। Hindi Holy Bible ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्ज़ा का फेन उछालते हैं: ये डांवाडोल तारे हैं, जिन के लिये सदा काल तक घोर अन्धकार रखा गया है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ये समुद्र की उद्दाम लहरें हैं, जो अपनी लज्जाजनक वासनाओं का फेन उछालती हैं। ये उल्काओं के सदृश हैं। इनके लिए गहरा अन्धकार अनन्त काल तक रख छोड़ा गया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं; ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदा काल तक घोर अन्धकार रखा गया है। नवीन हिंदी बाइबल ये समुद्र की तूफ़ानी लहरें हैं जो अपनी ही लज्जा का झाग उछालती हैं। ये भटके हुए तारे हैं जिनके लिए घोर अंधकार सदा काल तक रखा गया है। सरल हिन्दी बाइबल ये समुद्र की प्रचंड लहरों के समान हैं, जो अपनी लज्जा फेन के रूप में उछालते हैं. ये मार्ग से भटके हुए तारागण हैं, जिनके लिए अनंत काल का घोर अंधकार तय किया गया है. |
तू जो समुद्र का महाशब्द, उसकी तरंगों का महाशब्द, और देश-देश के लोगों का कोलाहल शान्त करता है; (मत्ती 8:26, यशा. 17:12,13)
परन्तु दुष्ट तो लहराते हुए समुद्र के समान है जो स्थिर नहीं रह सकता; और उसका जल मैल और कीच उछालता है। (यहू. 1:13)
उनका अन्त विनाश है, उनका ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्जा की बातों पर घमण्ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्तुओं पर मन लगाए रहते हैं।
फिर जिन स्वर्गदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन् अपने निज निवास को छोड़ दिया, उसने उनको भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अंधकार में जो सनातन के लिये है बन्धनों में रखा है।
और उनका भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात-दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे। (मत्ती 25:46)
परन्तु डरपोकों, अविश्वासियों, घिनौनों, हत्यारों, व्यभिचारियों, टोन्हों, मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।” (इफि. 5:5, 1 कुरि. 6:9,10)