फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9)
यशायाह 6:8 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने प्रभु का यह वचन सुना, “मैं किसको भेजूँ, और हमारी ओर से कौन जाएगा?” तब मैंने कहा, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज।” पवित्र बाइबल इसके बाद मैंने अपने यहोवा की आवाज सुनी। यहोवा ने कहा, “मैं किसे भेज सकता हूँ हमारे लिए कौन जायेगा” सो मैंने कहा, “मैं यहाँ हूँ। मुझे भेज!” Hindi Holy Bible तब मैं ने प्रभु का यह वचन सुना, मैं किस को भेंजूं, और हमारी ओर से कौन जाएगा? तब मैं ने कहा, मैं यहां हूं! मुझे भेज पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तत्पश्चात् मैंने स्वामी की यह वाणी सुनी, ‘मैं किस को भेजूं? हमारी ओर से कौन जाएगा?’ मैंने कहा, ‘मैं प्रस्तुत हूं, मुझे भेज।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने प्रभु का यह वचन सुना, “मैं किसको भेजूँ, और हमारी ओर से कौन जाएगा?” तब मैं ने कहा, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज।” सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने प्रभु को यह कहते हुए सुना, “मैं किसे भेजूं और कौन जाएगा हमारे लिए?” तब मैंने कहा, “मैं यहां हूं. मुझे भेजिए!” |
फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9)
इसलिए आओ, हम उतरकर उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें।”
इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने, अब्राहम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, “हे अब्राहम!” उसने कहा, “देख, मैं यहाँ हूँ।” (इब्रा. 11:17)
तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसको पुकारकर कहा, “हे अब्राहम, हे अब्राहम!” उसने कहा, “देख, मैं यहाँ हूँ।”
फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, “मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिए अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़कर खा ले और सदा जीवित रहे।” (प्रका. 2:7, प्रका. 22:2,14,19, उत्प. 3:24, प्रका. 2:7)
तब यहोवा ने पूछा, ‘अहाब को कौन ऐसा बहकाएगा, कि वह गिलाद के रामोत पर चढ़ाई करके खेत आए?’ तब किसी ने कुछ, और किसी ने कुछ कहा।
जो मुझ को पूछते भी न थे वे मेरे खोजी हैं; जो मुझे ढूँढ़ते भी न थे उन्होंने मुझे पा लिया, और जो जाति मेरी नहीं कहलाई थी, उससे भी मैं कहता हूँ, “देख, मैं उपस्थित हूँ।”
उनके चलते समय उनके पंखों की फड़फड़ाहट की आहट मुझे बहुत से जल, या सर्वशक्तिमान की वाणी, या सेना के हलचल की सी सुनाई पड़ती थी; और जब वे खड़े होते थे, तब अपने पंख लटका लेते थे। (यहे. 10:5)
करूबों के पंखों का शब्द बाहरी आँगन तक सुनाई देता था, वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बोलने का सा शब्द था।
फिर उसने मेरे कानों में ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, “नगर के अधिकारियों को अपने-अपने हाथ में नाश करने का हथियार लिए हुए निकट लाओ।”
परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता कि उसे प्रिय जानूँ, वरन् यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवा को पूरी करूँ, जो मैंने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है।
मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूँ, यह अनुग्रह हुआ कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊँ,