यशायाह 28:13 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए यहोवा का वचन उनके पास आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ, जिससे वे ठोकर खाकर चित्त गिरें और घायल हो जाएँ, और फंदे में फँसकर पकड़े जाएँ। पवित्र बाइबल सो परमेश्वर के वचन किसी विचित्र भाषा के जैसे हो जाएँगे। “सौ लासौ सौ लासौ काव लाकाव काव लाकाव ज़ेईर शाम ज़ेईर शाम।” सो लोग जब चलेंगे तो पीछे की ओर लुढ़क जाएँगे और जख्मी होंगे। लोगों को फँसा लिया जाएगा और वे पकड़े जाएँगे। Hindi Holy Bible इसलिये यहोवा का वचन उनके पास आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहां, थोड़ा वहां, जिस से वे ठोकर खाकर चित्त गिरें और घायल हो जाएं, और फंदे में फंस कर पकड़े जाएं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: उनके लिए प्रभु का यह सन्देश है: “आदेश पर आदेश, आदेश पर आदेश, नियम पर नियम, नियम पर नियम, कुछ यहाँ, कुछ वहां।” अत: वे ठोकर खाकर मुंह के बल गिरेंगे। उनका अंग-भंग होगा। वे जाल में फंसेंगे, और बन्दी बनेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये यहोवा का वचन उनके पास आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ, जिससे वे ठोकर खाकर चित्त गिरें और घायल हो जाएँ, और फंदे में फँसकर पकड़े जाएँ। सरल हिन्दी बाइबल तब उनके लिए याहवेह ने उनसे कहा: आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम; थोड़ा यहां, थोड़ा वहां— जिससे वे ठोकर खाकर गिरकर घायल हो जायें और; जाल में फंसकर पकडे जाएं. |
क्योंकि आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ।”
हम अंधों के समान दीवार टटोलते हैं, हाँ, हम बिना आँख के लोगों के समान टटोलते हैं; हम दिन दोपहर रात के समान ठोकर खाते हैं, हष्टपुष्टों के बीच हम मुर्दों के समान हैं।
इस कारण मैंने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा मानो उन पर कुल्हाड़ी चलाकर उन्हें काट डाला, और अपने वचनों से उनको घात किया, और मेरा न्याय प्रकाश के समान चमकता है। (यिर्म. 5:14)
मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखकर दिए, परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं।
और उनके विषय में यशायाह की यह भविष्यद्वाणी पूरी होती है: ‘तुम कानों से तो सुनोगे, पर समझोगे नहीं; और आँखों से तो देखोगे, पर तुम्हें न सूझेगा।
कितनों के लिये तो मरने के निमित्त मृत्यु की गन्ध, और कितनों के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्ध, और इन बातों के योग्य कौन है?
वैसे ही उसने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिनमें कितनी बातें ऐसी हैं, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उनके अर्थों को भी पवित्रशास्त्र की अन्य बातों के समान खींच तानकर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।