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मीका 1:12 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि मारोत की रहनेवाली तो कुशल की बाट जोहते-जोहते तड़प गई है, क्योंकि यहोवा की ओर से यरूशलेम के फाटक तक विपत्ति आ पहुँची है।

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पवित्र बाइबल

ऐसा वह व्यक्ति जो मारोत का निवासी है, सुसमाचार आने को बाट जोहता हुआ दुर्बल हुआ जा रहा है। क्यों? क्योंकि यहोवा से नीचे यरूशलेम के नगर द्वार पर विपत्ती के उतरी है।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि मारोत की रहने वाली तो कुशल की बाट जोहते-जोहते तड़प गई है, क्योंकि यहोवा की ओर से यरूशलेम के फाटक तक विपत्ति आ पहुंची है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मारोत के निवासी उत्‍सुकतापूर्वक कुशल-मंगल की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्‍योंकि प्रभु ने विपत्ति ढाही है, और वह यरूशलेम के प्रवेश-द्वार तक पहुंच गई है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि सारोत की रहनेवाली तो कुशल की बाट जोहते–जोहते तड़प गई है, क्योंकि यहोवा की ओर से यरूशलेम के फाटक तक विपत्ति आ पहुँची है।

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सरल हिन्दी बाइबल

जो मारोथ में रहते हैं, वे दर्द से छटपटा रहे हैं, और मदद के लिये इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि याहवेह के द्वारा भेजी गई विपत्ति येरूशलेम के प्रवेश द्वार तक पहुंच गई है.

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मीका 1:12
9 क्रॉस रेफरेंस  

जब मैं कुशल का मार्ग जोहता था, तब विपत्ति आ पड़ी; और जब मैं उजियाले की आशा लगाए था, तब अंधकार छा गया।


मैं उजियाले का बनानेवाला और अंधियारे का सृजनहार हूँ, मैं शान्ति का दाता और विपत्ति को रचता हूँ, मैं यहोवा ही इन सभी का कर्ता हूँ।


क्या तूने यहूदा से बिलकुल हाथ उठा लिया? क्या तू सिय्योन से घृणा करता है? नहीं, तूने क्यों हमको ऐसा मारा है कि हम चंगे हो ही नहीं सकते? हम शान्ति की बाट जोहते रहे, तो भी कुछ कल्याण नहीं हुआ; और यद्यपि हम अच्छे हो जाने की आशा करते रहे, तो भी घबराना ही पड़ा है।


हम शान्ति की बाट जोहते थे, परन्तु कुछ कल्याण नहीं मिला, और चंगाई की आशा करते थे, परन्तु घबराना ही पड़ा है।


क्या किसी नगर में नरसिंगा फूँकने पर लोग न थरथराएँगे? क्या यहोवा के बिना भेजे किसी नगर में कोई विपत्ति पड़ेगी?


क्योंकि उसका घाव असाध्य है; और विपत्ति यहूदा पर भी आ पड़ी, वरन् वह मेरे जातिभाइयों पर पड़कर यरूशलेम के फाटक तक पहुँच गई है।


उसने उनसे कहा, “मुझे नाओमी न कहो, मुझे मारा कहो, क्योंकि सर्वशक्तिमान ने मुझ को बड़ा दुःख दिया है।


वह जब पहुँचा उस समय एली, जिसका मन परमेश्वर के सन्दूक की चिन्ता से थरथरा रहा था, वह मार्ग के किनारे कुर्सी पर बैठा बाट जोह रहा था। और जैसे ही उस मनुष्य ने नगर में पहुँचकर वह समाचार दिया वैसे ही सारा नगर चिल्ला उठा।