तो फिर क्यों गए थे? क्या किसी भविष्यद्वक्ता को देखने को? हाँ, मैं तुम से कहता हूँ, वरन् भविष्यद्वक्ता से भी बड़े को।
मरकुस 11:32 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तो लोगों का डर है, क्योंकि सब जानते हैं कि यूहन्ना सचमुच भविष्यद्वक्ता था। पवित्र बाइबल किन्तु यदि हम यह कहते हैं, ‘वह मनुष्य से प्राप्त हुआ था,’ तो लोग हम पर ही क्रोध करेंगे।” (वे लोगों से बहुत डरते थे क्योंकि सभी लोग यह मानते थे कि यूहन्ना वास्तव में एक भविष्यवक्ता है।) Hindi Holy Bible और यदि हम कहें, मनुष्यों की ओर से तो लोगों का डर है, क्योंकि सब जानते हैं कि यूहन्ना सचमुच भविष्यद्वक्ता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से’, तो ...।” वे जनता से डरते थे, क्योंकि सब लोग मानते थे कि योहन सचमुच नबी थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तो लोगों का डर है, क्योंकि सब जानते हैं कि यूहन्ना सचमुच भविष्यद्वक्ता था। नवीन हिंदी बाइबल फिर हम क्या कहें, ‘मनुष्यों की ओर से?’ ” वे भीड़ से डरते थे, क्योंकि सब मानते थे कि यूहन्ना सचमुच एक भविष्यवक्ता था। सरल हिन्दी बाइबल और यदि हम यह कहें, ‘मनुष्यों की ओर से’ ” वस्तुतः यह कहने में उन्हें जनसाधारण का भय था क्योंकि जनसाधारण योहन को भविष्यवक्ता मानता था. |
तो फिर क्यों गए थे? क्या किसी भविष्यद्वक्ता को देखने को? हाँ, मैं तुम से कहता हूँ, वरन् भविष्यद्वक्ता से भी बड़े को।
और वह उसे मार डालना चाहता था, पर लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता मानते थे।
और उन्होंने उसे पकड़ना चाहा, परन्तु लोगों से डर गए क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता मानते थे।
तब वे आपस में विवाद करने लगे कि यदि हम कहें ‘स्वर्ग की ओर से,’ तो वह कहेगा, ‘फिर तुम ने उसका विश्वास क्यों नहीं किया?’
तब उन्होंने यीशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते।” यीशु ने उनसे कहा, “मैं भी तुम को नहीं बताता, कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ।”
तब उन्होंने उसे पकड़ना चाहा; क्योंकि समझ गए थे, कि उसने हमारे विरोध में यह दृष्टान्त कहा है: पर वे लोगों से डरे; और उसे छोड़कर चले गए।
क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना को धर्मी और पवित्र पुरुष जानकर उससे डरता था, और उसे बचाए रखता था, और उसकी सुनकर बहुत घबराता था, पर आनन्द से सुनता था।
उसी घड़ी शास्त्रियों और प्रधान याजकों ने उसे पकड़ना चाहा, क्योंकि समझ गए थे, कि उसने उनके विरुद्ध दृष्टान्त कहा, परन्तु वे लोगों से डरे।
और प्रधान याजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसको कैसे मार डालें, पर वे लोगों से डरते थे।
और बहुत सारे लोग उसके पास आकर कहते थे, “यूहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इसके विषय में कहा था वह सब सच था।”
तब सरदार, अधिकारियों के साथ जाकर, उन्हें ले आया, परन्तु बलपूर्वक नहीं, क्योंकि वे लोगों से डरते थे, कि उन पर पथराव न करें।