क्योंकि मूर्ख तो मूर्खता ही की बातें बोलता और मन में अनर्थ ही गढ़ता रहता है कि वह अधर्म के काम करे और यहोवा के विरुद्ध झूठ कहे, भूखे को भूखा ही रहने दे और प्यासे का जल रोक रखे।
मत्ती 12:10 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वहाँ एक मनुष्य था, जिसका हाथ सूखा हुआ था; और उन्होंने उस पर दोष लगाने के लिए उससे पूछा, “क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है?” पवित्र बाइबल वहाँ एक व्यक्ति था, जिसका हाथ सूख चुका था। सो लोगों ने यीशु से पूछा, “मूसा के विधि के अनुसार सब्त के दिन किसी को चंगा करना, क्या उचित है?” उन्होंने उससे यह इसलिये पूछा था कि, वे उस पर दोष लगा सकें। Hindi Holy Bible और देखो, एक मनुष्य था, जिस का हाथ सूखा हुआ था; और उन्होंने उस पर दोष लगाने के लिये उस से पूछा, कि क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वहाँ एक मनुष्य था, जिसका हाथ सूख गया था। येशु पर दोष लगाने के लिए लोगों ने उनसे यह पूछा, “क्या विश्राम के दिन किसी रोगी को स्वस्थ करना व्यवस्था के अनुसार उचित है?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वहाँ एक मनुष्य था, जिसका हाथ सूखा हुआ था। उन्होंने यीशु पर दोष लगाने के लिये उससे पूछा, “क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है?” नवीन हिंदी बाइबल और देखो, एक सूखे हाथवाला मनुष्य था। उन्होंने यीशु पर दोष लगाने के लिए उससे पूछा, “क्या सब्त के दिन स्वस्थ करना उचित है?” सरल हिन्दी बाइबल वहां एक व्यक्ति था, जिसका हाथ लक़वा मारा हुआ था. उन्होंने येशु से प्रश्न किया, “क्या शब्बाथ पर किसी को स्वस्थ करना व्यवस्था के अनुसार है?” उन्होंने यह प्रश्न इसलिये किया कि वे येशु पर आरोप लगा सकें. |
क्योंकि मूर्ख तो मूर्खता ही की बातें बोलता और मन में अनर्थ ही गढ़ता रहता है कि वह अधर्म के काम करे और यहोवा के विरुद्ध झूठ कहे, भूखे को भूखा ही रहने दे और प्यासे का जल रोक रखे।
हमने यहोवा का अपराध किया है, हम उससे मुकर गए और अपने परमेश्वर के पीछे चलना छोड़ दिया, हम अंधेर करने लगे और उलट-फेर की बातें कहीं, हमने झूठी बातें मन में गढ़ीं और कही भी हैं।
कोई धर्म के साथ नालिश नहीं करता, न कोई सच्चाई से मुकद्दमा लड़ता है; वे मिथ्या पर भरोसा रखते हैं और झूठी बातें बकते हैं; उसको मानो उत्पात का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते हैं।
हाय उस निकम्मे चरवाहे पर जो भेड़-बकरियों को छोड़ जाता है! उसकी बाँह और दाहिनी आँख दोनों पर तलवार लगेगी, तब उसकी बाँह सूख जाएगी और उसकी दाहिनी आँख फूट जाएगी।”
फरीसियों ने यह देखकर उससे कहा, “देख, तेरे चेले वह काम कर रहे हैं, जो सब्त के दिन करना उचित नहीं।”
तब फरीसी उसकी परीक्षा करने के लिये पास आकर कहने लगे, “क्या हर एक कारण से अपनी पत्नी को त्यागना उचित है?”
और वे उस पर दोष लगाने के लिये उसकी घात में लगे हुए थे, कि देखें, वह सब्त के दिन में उसे चंगा करता है कि नहीं।
इसलिए कि यीशु ने सब्त के दिन उसे अच्छा किया था, आराधनालय का सरदार रिसियाकर लोगों से कहने लगा, “छः दिन हैं, जिनमें काम करना चाहिए, अतः उन ही दिनों में आकर चंगे हो; परन्तु सब्त के दिन में नहीं।” (निर्ग. 20:9,10, व्यव. 5:13,14)
“तुम इस मनुष्य को लोगों का बहकानेवाला ठहराकर मेरे पास लाए हो, और देखो, मैंने तुम्हारे सामने उसकी जाँच की, पर जिन बातों का तुम उस पर दोष लगाते हो, उन बातों के विषय में मैंने उसमें कुछ भी दोष नहीं पाया है;
और वे यह कहकर उस पर दोष लगाने लगे, “हमने इसे लोगों को बहकाते और कैसर को कर देने से मना करते, और अपने आपको मसीह, राजा कहते हुए सुना है।”
वह सब्त का दिन था। इसलिए यहूदी उससे जो चंगा हुआ था, कहने लगे, “आज तो सब्त का दिन है, तुझे खाट उठानी उचित नहीं।” (यिर्म. 17:21)
इनमें बहुत से बीमार, अंधे, लँगड़े और सूखे अंगवाले (पानी के हिलने की आशा में) पड़े रहते थे।
जब सब्त के दिन मनुष्य का खतना किया जाता है ताकि मूसा की व्यवस्था की आज्ञा टल न जाए, तो तुम मुझ पर क्यों इसलिए क्रोध करते हो, कि मैंने सब्त के दिन एक मनुष्य को पूरी रीति से चंगा किया।
उन्होंने उसको परखने के लिये यह बात कही ताकि उस पर दोष लगाने के लिये कोई बात पाएँ, परन्तु यीशु झुककर उँगली से भूमि पर लिखने लगा।
इस पर कई फरीसी कहने लगे, “यह मनुष्य परमेश्वर की ओर से नहीं, क्योंकि वह सब्त का दिन नहीं मानता।” औरों ने कहा, “पापी मनुष्य कैसे ऐसे चिन्ह दिखा सकता है?” अतः उनमें फूट पड़ी।