ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




भजन संहिता 52:8 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु मैं तो परमेश्वर के भवन में हरे जैतून के वृक्ष के समान हूँ। मैंने परमेश्वर की करुणा पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा रखा है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

किन्तु मैं परमेश्वर के मन्दिर में एक हरे जैतून के वूक्ष सा हूँ। परमेश्वर की करूणा का मुझको सदा—सदा के लिए भरोसा है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

परन्तु मैं तो परमेश्वर के भवन में हरे जलपाई के वृक्ष के समान हूं। मैं ने परमेश्वर की करूणा पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा रखा है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पर मैं परमेश्‍वर के घर मे हरे-भरे जैतून वृक्ष के सदृश हूँ; मैं परमेश्‍वर की करुणा पर सदा भरोसा करता हूँ।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु मैं तो परमेश्‍वर के भवन में हरे जैतून के वृक्ष के समान हूँ। मैं ने परमेश्‍वर की करुणा पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा रखा है।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

परंतु मैं तो परमेश्‍वर के भवन में जैतून के हरे-भरे वृक्ष के समान हूँ। मैं सदा परमेश्‍वर की करुणा पर भरोसा रखता हूँ।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

किंतु मैं परमेश्वर के निवास के हरे-भरे जैतून वृक्ष के समान हूं; मैं परमेश्वर के करुणा-प्रेम पर सदा-सर्वदा भरोसा रखता हूं.

अध्याय देखें



भजन संहिता 52:8
10 क्रॉस रेफरेंस  

वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती पानी की धाराओं के किनारे लगाया गया है और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। और जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है।


तेरे घर के भीतर तेरी स्त्री फलवन्त दाखलता सी होगी; तेरी मेज के चारों ओर तेरे बच्चे जैतून के पौधे के समान होंगे।


परन्तु मैंने तो तेरी करुणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।


यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात् उनसे जो उसकी करुणा पर आशा लगाए रहते हैं।


देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं, बनी रहती है,


तब मनुष्य कहने लगेंगे, निश्चय धर्मी के लिये फल है; निश्चय परमेश्वर है, जो पृथ्वी पर न्याय करता है।


यहोवा ने तुझको हरा, मनोहर, सुन्दर फलवाला जैतून तो कहा था, परन्तु उसने बड़े हुल्लड़ के शब्द होते ही उसमें आग लगाई, और उसकी डालियाँ तोड़ डाली गईं।


क्योंकि यदि तू उस जैतून से, जो स्वभाव से जंगली है, काटा गया और स्वभाव के विरुद्ध अच्छी जैतून में साटा गया, तो ये जो स्वाभाविक डालियाँ हैं, अपने ही जैतून में साटे क्यों न जाएँगे।