ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




भजन संहिता 115:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जाति-जाति के लोग क्यों कहने पाएँ, “उनका परमेश्वर कहाँ रहा?”

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

राष्ट्रों को क्यों अचरज हो कि हमारा परमेश्वर कहाँ है?

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

जाति जाति के लोग क्यों कहने पांए, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

राष्‍ट्र क्‍यों यह कहें, ‘उनका परमेश्‍वर कहां है?’

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जाति जाति के लोग क्यों कहने पाएँ, “उनका परमेश्‍वर कहाँ रहा?”

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

जाति-जाति के लोग यह क्यों कहें कि उनका परमेश्‍वर कहाँ है?

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

अन्य जनता यह क्यों कह रहे हैं, “कहां है उनका परमेश्वर?”

अध्याय देखें



भजन संहिता 115:2
10 क्रॉस रेफरेंस  

मेरे सतानेवाले जो मेरी निन्दा करते हैं, मानो उससे मेरी हड्डियाँ चूर-चूर होती हैं, मानो कटार से छिदी जाती हैं, क्योंकि वे दिन भर मुझसे कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहाँ है?


हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख; क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। (भज. 43:5, मर. 14:34, यूह. 12:27)


मेरे आँसू दिन और रात मेरा आहार हुए हैं; और लोग दिन भर मुझसे कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहाँ है?


मैं कैसे भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करनेवाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह स्मरण करके मेरा प्राण शोकित हो जाता है।


अन्यजातियाँ क्यों कहने पाएँ कि उनका परमेश्वर कहाँ रहा? तेरे दासों के खून का पलटा अन्यजातियों पर हमारी आँखों के सामने लिया जाए। (प्रका. 6:10, प्रका. 19:2)


मिस्री लोग यह क्यों कहने पाएँ, ‘वह उनको बुरे अभिप्राय से, अर्थात् पहाड़ों में घात करके धरती पर से मिटा डालने की मनसा से निकाल ले गया?’ तू अपने भड़के हुए कोप को शान्त कर, और अपनी प्रजा को ऐसी हानि पहुँचाने से फिर जा।


याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आँगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, “हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे; न जाति-जाति उसकी उपमा देने पाएँ। जाति-जाति के लोग आपस में क्यों कहने पाएँ, ‘उनका परमेश्वर कहाँ रहा?’”