वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है।
और परमेश्वर ने मरूभूमि को झीलों की धरती में बदला। उसने सूखी धरती से जल के स्रोत बहा दिये।
वह मरुभूमि को जलाशय में, निर्जल भूमि को जल के झरनों में बदल देता है।
वह मरुभूमि को जलाशय, और निर्जल भूमि को जल के सोतों में बदल देता है।
याहवेह ही वन को जलाशय में बदल देते हैं और शुष्क भूमि को झरनों में;
उजाड़ ही उजाड़ देश को सींचे, और हरी घास उगाए?
वह चट्टान को जल का ताल, चकमक के पत्थर को जल का सोता बना डालता है।
उसने चट्टान से भी धाराएँ निकालीं और नदियों का सा जल बहाया।