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प्रकाशितवाक्य 11:19 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और परमेश्वर का जो मन्दिर स्वर्ग में है, वह खोला गया, और उसके मन्दिर में उसकी वाचा का सन्दूक दिखाई दिया, बिजलियाँ, शब्द, गर्जन और भूकम्प हुए, और बड़े ओले पड़े। (प्रका. 15:5)

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पवित्र बाइबल

फिर स्वर्ग में स्थित परमेश्वर के मन्दिर को खोला गया तथा वहाँ मन्दिर में वाचा की वह पेटी दिखाई दी। फिर बिजली की चकाचौंध होने लगी। मेघों का गर्जन-तर्जन और घड़घड़ाहट के शब्द भूकम्प और भयानक ओले बरसने लगे।

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Hindi Holy Bible

और परमेश्वर का जो मन्दिर स्वर्ग में है, वह खोला गया, और उसके मन्दिर में उस की वाचा का सन्दूक दिखाई दिया, और बिजलियां और शब्द और गर्जन और भुइंडोल हुए, और बड़े बड़े ओले पड़े॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तब स्‍वर्ग में परमेश्‍वर का मन्‍दिर खुल गया और मन्‍दिर में परमेश्‍वर के विधान की मंजूषा दिखाई पड़ी। बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्‍पन्न हुए, भूकम्‍प हुआ और भारी ओला-वृष्‍टि हुई।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब परमेश्‍वर का जो मन्दिर स्वर्ग में है वह खोला गया, और उसके मन्दिर में उसकी वाचा का सन्दूक दिखाई दिया; और बिजलियाँ और शब्द और गर्जन और भूकम्प हुए और बड़े ओले पड़े।

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नवीन हिंदी बाइबल

तब परमेश्‍वर का मंदिर जो स्वर्ग में है, खोला गया। उसके मंदिर में उसकी वाचा का संदूक दिखाई दिया, और वहाँ बिजलियाँ चमकीं, गड़गड़ाहट और गर्जन हुए तथा भूकंप हुआ, और भारी ओलावृष्‍टि हुई।

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सरल हिन्दी बाइबल

तब परमेश्वर का मंदिर, जो स्वर्ग में है, खोल दिया गया और उस मंदिर में उनकी वाचा का संदूक दिखाई दिया. उसी समय बिजली कौंधी, गड़गड़ाहट तथा बादलों का गरजना हुआ, एक भीषण भूकंप आया और बड़े-बड़े ओले पड़े.

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प्रकाशितवाक्य 11:19
33 क्रॉस रेफरेंस  

उसने उनके लिये जलवृष्टि के बदले ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई।


उसके आगे बिजली से, ओले और अंगारे गिर पड़े।


देखो, प्रभु के पास एक बलवन्त और सामर्थी है जो ओले की वर्षा या उजाड़नेवाली आँधी या बाढ़ की प्रचण्ड धार के समान है वह उसको कठोरता से भूमि पर गिरा देगा।


सेनाओं का यहोवा अचानक बादल गरजाता, भूमि को कँपाता, और महाध्वनि करता, बवण्डर और आँधी चलाता, और नाश करनेवाली अग्नि भड़काता हुआ उसके पास आएगा।


और यहोवा अपनी प्रतापीवाणी सुनाएगा, और अपना क्रोध भड़काता और आग की लौ से भस्म करता हुआ, और प्रचण्ड आँधी और अति वर्षा और ओलों के साथ अपना भुजबल दिखाएगा। (भज. 18:13,14)


वन के विनाश के समय ओले गिरेंगे, और नगर पूरी रीति से चौपट हो जाएगा।


उन कच्ची पुताई करनेवालों से कह कि वह गिर जाएगी। क्योंकि बड़े जोर की वर्षा होगी, और बड़े-बड़े ओले भी गिरेंगे, और प्रचण्ड आँधी उसे गिराएगी।


इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यह कहता है: मैं जलकर उसको प्रचण्ड आँधी के द्वारा गिराऊँगा; और मेरे कोप से भारी वर्षा होगी, और मेरी जलजलाहट से बड़े-बड़े ओले गिरेंगे कि दीवार को नाश करें। (निर्ग. 9:24)


मैं मरी और खून के द्वारा उससे मुकद्दमा लड़ूँगा; और उस पर और उसके दलों पर, और उन बहुत सी जातियों पर जो उसके पास होंगी, मैं बड़ी झड़ी लगाऊँगा, और ओले और आग और गन्धक बरसाऊँगा। (यशा. 66:16)


फिर इस्राएलियों ने यहोवा के पर्वत से प्रस्थान करके तीन दिन की यात्रा की; और उन तीनों दिनों के मार्ग में यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके लिये विश्राम का स्थान ढूँढ़ता हुआ उनके आगे-आगे चलता रहा।


और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढाँप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएँ, पर किसी पवित्र वस्तु को न छूएँ, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएँ। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएँ हैं।


अर्थात् जब जब छावनी का कूच हो तब-तब हारून और उसके पुत्र भीतर आकर, बीचवाले पर्दे को उतार कर उससे साक्षीपत्र के सन्दूक को ढाँप दें;


फिर जब वे इस्राएलियों के सामने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुँचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े-बड़े पत्थर उन पर बरसाएँ, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी।


फिर उसी घड़ी एक बड़ा भूकम्प हुआ, और नगर का दसवाँ भाग गिर पड़ा; और उस भूकम्प से सात हजार मनुष्य मर गए और शेष डर गए, और स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की। (प्रका. 14:7)


जब सातवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े-बड़े शब्द होने लगे: “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” (दानि. 7:27, जक. 14:9)


फिर स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह दिखाई दिया, अर्थात् एक स्त्री जो सूर्य ओढ़े हुए थी, और चाँद उसके पाँवों तले था, और उसके सिर पर बारह तारों का मुकुट था;


फिर मैंने मन्दिर में किसी को ऊँचे शब्द से उन सातों स्वर्गदूतों से यह कहते सुना, “जाओ, परमेश्वर के प्रकोप के सातों कटोरों को पृथ्वी पर उण्डेल दो।”


फिर बिजलियाँ, और शब्द, और गर्जन हुए, और एक ऐसा बड़ा भूकम्प हुआ, कि जब से मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी पर हुई, तब से ऐसा बड़ा भूकम्प कभी न हुआ था। (मत्ती 24:21)


और आकाश से मनुष्यों पर मन-मन भर के बड़े ओले गिरे, और इसलिए कि यह विपत्ति बहुत ही भारी थी, लोगों ने ओलों की विपत्ति के कारण परमेश्वर की निन्दा की।


फिर मैंने स्वर्ग को खुला हुआ देखा, और देखता हूँ कि एक श्वेत घोड़ा है; और उस पर एक सवार है, जो विश्वासयोग्य, और सत्य कहलाता है; और वह धार्मिकता के साथ न्याय और लड़ाई करता है। (भज. 96:13)


इन बातों के बाद जो मैंने दृष्टि की, तो क्या देखता हूँ कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिसको मैंने पहले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, “यहाँ ऊपर आ जा, और मैं वे बातें तुझे दिखाऊँगा, जिनका इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।” (प्रका. 22:6)


उस सिंहासन में से बिजलियाँ और गर्जन निकलते हैं और सिंहासन के सामने आग के सात दीपक जल रहे हैं, वे परमेश्वर की सात आत्माएँ हैं, (जक. 4:2)


“इसी कारण वे परमेश्वर के सिंहासन के सामने हैं, और उसके मन्दिर में दिन-रात उसकी सेवा करते हैं; और जो सिंहासन पर बैठा है, वह उनके ऊपर अपना तम्बू तानेगा। (प्रका. 22:3, भज. 134:1,2)


तब स्वर्गदूत ने धूपदान लेकर उसमें वेदी की आग भरी, और पृथ्वी पर डाल दी, और गर्जन और शब्द और बिजलियाँ और भूकम्प होने लगे। (प्रका. 4:5)


पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और एक तिहाई पृथ्वी जल गई, और एक तिहाई पेड़ जल गई, और सब हरी घास भी जल गई। (यहे. 38:22)