अतः जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उसमें से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था और उसने भी खाया। (1 तीमु. 2:14)
नीतिवचन 9:17 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “चोरी का पानी मीठा होता है, और लुके-छिपे की रोटी अच्छी लगती है।” पवित्र बाइबल “चोरी का पानी तो, मीठा—मीठा होता है, छिप कर खाया भोजन, बहुत स्वाद देता है।” Hindi Holy Bible चोरी का पानी मीठा होता है, और लुके छिपे की रोटी अच्छी लगती है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘चोरी का जल मीठा होता है, रोटी लुक-छिपकर खाने में अच्छी लगती है।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “चोरी का पानी मीठा होता है, और लुके छिपे की रोटी अच्छी लगती है।” नवीन हिंदी बाइबल “चोरी का पानी मीठा होता है, और छिपकर खाई रोटी अच्छी लगती है।” सरल हिन्दी बाइबल “मीठा लगता है चोरी किया हुआ जल; स्वादिष्ट लगता है वह भोजन, जो छिपा-छिपा कर खाया जाता है!” |
अतः जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उसमें से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था और उसने भी खाया। (1 तीमु. 2:14)
छल-कपट से प्राप्त रोटी मनुष्य को मीठी तो लगती है, परन्तु बाद में उसका मुँह कंकड़ों से भर जाता है।
व्यभिचारिणी की चाल भी वैसी ही है; वह भोजन करके मुँह पोंछती, और कहती है, मैंने कोई अनर्थ काम नहीं किया।
परन्तु पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझ में सब प्रकार का लालच उत्पन्न किया, क्योंकि बिना व्यवस्था के पाप मुर्दा है।