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नीतिवचन 31:20 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वह दीन के लिये मुट्ठी खोलती है, और दरिद्र को सम्भालने के लिए हाथ बढ़ाती है।

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पवित्र बाइबल

वह सदा ही दीन—दुःखी को दान देती है, और अभाव ग्रस्त जन की सहायता करती है।

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Hindi Holy Bible

वह दीन के लिये मुट्ठी खोलती है, और दरिद्र के संभालने को हाथ बढ़ाती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

गरीबों के लिए उसकी मुट्ठी खुली रहती है, वह दीन-दरिद्रों को संभालती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वह दीन के लिये मुट्ठी खोलती है, और दरिद्र को संभालने के लिए हाथ बढ़ाती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

वह दीन लोगों के लिए अपने हाथ खोल देती है, और दरिद्र की सहायता के लिए अपने हाथ बढ़ाती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

उसके हाथ निर्धनों की ओर बढ़ते हैं और वह निर्धनों की सहायता करती है.

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नीतिवचन 31:20
17 क्रॉस रेफरेंस  

उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा; और उसका सींग आदर के साथ ऊँचा किया जाएगा। (2 कुरि. 9:9)


क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा।


यहोवा उसकी रक्षा करके उसको जीवित रखेगा, और वह पृथ्वी पर धन्य होगा। तू उसको शत्रुओं की इच्छा पर न छोड़।


मैंने तो पुकारा परन्तु तुम ने इन्कार किया, और मैंने हाथ फैलाया, परन्तु किसी ने ध्यान न दिया,


जो कंगाल पर अनुग्रह करता है, वह यहोवा को उधार देता है, और वह अपने इस काम का प्रतिफल पाएगा। (मत्ती 25:40)


दया करनेवाले पर आशीष फलती है, क्योंकि वह कंगाल को अपनी रोटी में से देता है। (2 कुरि. 9:10)


वह अटेरन में हाथ लगाती है, और चरखा पकड़ती है।


गरीब तुम्हारे साथ सदा रहते हैं और तुम जब चाहो तब उनसे भलाई कर सकते हो; पर मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा। (व्यव. 15:11)


परन्तु इस्राएल के विषय में वह यह कहता है “मैं सारे दिन अपने हाथ एक आज्ञा न माननेवाली और विवाद करनेवाली प्रजा की ओर पसारे रहा।” (यशा. 65:1,2)


पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उसमें उनकी सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो।


चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; वरन् भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिए कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।


तेरे देश में दरिद्र तो सदा पाए जाएँगे, इसलिए मैं तुझे यह आज्ञा देता हूँ कि तू अपने देश में अपने दीन-दरिद्र भाइयों को अपना हाथ ढीला करके अवश्य दान देना। (मत्ती 26:11, मर. 14:7, यूह. 12:8)


पर भलाई करना, और उदारता न भूलो; क्योंकि परमेश्वर ऐसे बलिदानों से प्रसन्न होता है।