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नीतिवचन 18:4 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मनुष्य के मुँह के वचन गहरे जल होते है; बुद्धि का स्रोत बहती धारा के समान हैं।

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पवित्र बाइबल

बुद्धिमान के शब्द गहरे जल से होते हैं, वे बुद्धि के स्रोत से उछलते हुए आते हैं।

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Hindi Holy Bible

मनुष्य के मुंह के वचन गहिरा जल, वा उमण्डने वाली नदी वा बुद्धि के सोते हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

बुद्धिमान मनुष्‍य के मुख से निकले हुए वचन समुद्र के समान गहरे होते हैं, वे ज्ञान के स्रोत, और उमड़ते हुए झरने के सदृश होते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मनुष्य के मुँह के वचन गहिरा जल; और उमण्डनेवाली नदी बुद्धि के सोते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

मनुष्य के मुँह के वचन बुद्धि के सोते हैं, वे गहरे जल और उमड़नेवाले झरने के समान हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

मनुष्य के मुख से बोले शब्द गहन जल समान होते हैं, और ज्ञान का सोता नित प्रवाहित उमड़ती नदी समान.

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नीतिवचन 18:4
11 क्रॉस रेफरेंस  

मैं अपना मुँह नीतिवचन कहने के लिये खोलूँगा; मैं प्राचीनकाल की गुप्त बातें कहूँगा, (मत्ती 13:35)


धर्मी का मुँह तो जीवन का सोता है, परन्तु दुष्टों के मुँह में उपद्रव छिपा रहता है।


बुद्धिमान की शिक्षा जीवन का सोता है, और उसके द्वारा लोग मृत्यु के फंदों से बच सकते हैं।


जिसमें बुद्धि है, उसके लिये वह जीवन का स्रोत है, परन्तु मूर्ख का दण्ड स्वयं उसकी मूर्खता है।


जहाँ दुष्टता आती, वहाँ अपमान भी आता है; और निरादर के साथ निन्दा आती है।


मनुष्य के मन की युक्ति अथाह तो है, तो भी समझवाला मनुष्य उसको निकाल लेता है।


हे साँप के बच्चों, तुम बुरे होकर कैसे अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुँह पर आता है।


परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा, जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।”


मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने-अपने मन में कृतज्ञता के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।


तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सुहावना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए।