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नीतिवचन 13:25 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

धर्मी पेट भर खाने पाता है, परन्तु दुष्ट भूखे ही रहते हैं।

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पवित्र बाइबल

धर्मी जन, मन से खाते और पूर्ण तृप्त होते हैं किन्तु दुष्ट का पेट तो कभी नहीं भरता है।

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Hindi Holy Bible

धर्मी पेट भर खाने पाता है, परन्तु दुष्ट भूखे ही रहते हैं॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

धार्मिक मनुष्‍य के पास अपनी भूख तृप्‍त करने के लिए पर्याप्‍त भोजन रहता है; किन्‍तु दुर्जन को कभी पेट-भर भोजन नहीं मिलता।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

धर्मी पेट भर खाने पाता है, परन्तु दुष्‍ट भूखे ही रहते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

धर्मी भरपेट खाना खाता है, परंतु दुष्‍ट भूखे ही रहते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

धर्मी को उसकी भूख मिटाने के लिए पर्याप्‍त भोजन रहता है, किंतु दुष्ट सदैव अतृप्‍त ही बने रहते हैं.

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नीतिवचन 13:25
17 क्रॉस रेफरेंस  

वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिससे तेरी जवानी उकाब के समान नई हो जाती है।


मैं इसमें की भोजनवस्तुओं पर अति आशीष दूँगा; और इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्त करूँगा।


जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होगी।


धर्मी का थोड़ा सा धन दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।


यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।


धर्मी को यहोवा भूखा मरने नहीं देता, परन्तु दुष्टों की अभिलाषा वह पूरी होने नहीं देता।


जो शिक्षा को अनसुनी करता वह निर्धन हो जाता है और अपमान पाता है, परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी महिमा होती है।


तब तेरा कंगालपन डाकू के समान, और तेरी घटी हथियार-बन्द के समान आ पड़ेगी।


तब तेरा कंगालपन राह के लुटेरे के समान और तेरी घटी हथियार-बन्द के समान आ पड़ेगी।


जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया।


इस कारण तुझको भूखा, प्यासा, नंगा, और सब पदार्थों से रहित होकर अपने उन शत्रुओं की सेवा करनी पड़ेगी जिन्हें यहोवा तेरे विरुद्ध भेजेगा; और जब तक तू नष्ट न हो जाए तब तक वह तेरी गर्दन पर लोहे का जूआ डाल रखेगा।


वे भूख से दुबले हो जाएँगे, और अंगारों से और कठिन महारोगों से ग्रसित हो जाएँगे; और मैं उन पर पशुओं के दाँत लगवाऊँगा, और धूलि पर रेंगनेवाले सर्पों का विष छोड़ दूँगा।


और जब हम तुम्हारे यहाँ थे, तब भी यह आज्ञा तुम्हें देते थे, कि यदि कोई काम करना न चाहे, तो खाने भी न पाए।


क्योंकि देह के प्रशिक्षण से कम लाभ होता है, पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आनेवाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है।


तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, “मैं तुझे कभी न छोड़ूँगा, और न कभी तुझे त्यागूँगा।” (भज. 37:25, व्यव. 31:8, यहो. 1:5)