हकल्याह के पुत्र नहेम्याह के वचन। बीसवें वर्ष के किसलेव नामक महीने में, जब मैं शूशन नामक राजगढ़ में रहता था,
नहेम्याह 5:14 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर जब से मैं यहूदा देश में उनका अधिपति ठहराया गया, अर्थात् राजा अर्तक्षत्र के राज्य के बीसवें वर्ष से लेकर उसके बत्तीसवें वर्ष तक, अर्थात् बारह वर्ष तक मैं और मेरे भाइयों ने अधिपतियों के हक़ का भोजन नहीं खाया। पवित्र बाइबल और फिर यहूदा की धरती पर अपने राज्यपाल काल के दौरान न तो मैंने और न मेरे भाईयों ने उस भोजन को ग्रहण किया जो राज्यपाल के लिये न्यायपूर्ण नहीं था। मैंने अपने भोजन को खरीदने के वास्ते कर चुकाने के लिए कभी किसी पर दबाव नहीं डाला। राजा अर्तक्षत्र के शासन काल के बीसवें साल से बत्तीसवें साल तक मैं वहाँ का राज्यपाल रहा। मैं बारह साल तक यहूदा का राज्यपाल रहा। Hindi Holy Bible फिर जब से मैं यहूदा देश में उनका अधिपति ठहराया गया, अर्थात राजा अर्तक्षत्र के बीसवें वर्ष से ले उसके बत्तीसवें वर्ष तक, अर्थात बारह वर्ष तक मैं और मेरे भाई अधिपति के हक का भोजन खाते रहे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसके अतिरिक्त जिस दिन से मैं यहूदा प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया, उस दिन से सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल के बीसवें वर्ष से बत्तीसवें वर्ष तक अर्थात् बारह वर्ष तक मैंने और मेरे रिश्तेदारों ने राज्यपाल का भत्ता, जो अन्न के रूप में दिया जाता था, ग्रहण नहीं किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर जब से मैं यहूदा देश में उनका अधिपति ठहराया गया, अर्थात् राजा अर्तक्षत्र के बीसवें वर्ष से ले उसके बत्तीसवें वर्ष तक, बारह वर्ष, मैं और मेरे भाईयों ने अधिपति के हक़ का भोजन नहीं खाया। सरल हिन्दी बाइबल राजा अर्तहषस्ता के राज्य-काल के बीसवें साल से बत्तीसवें साल तक; बारह साल, जिस दिन से मुझे यहूदिया का राज्यपाल बनाया गया था, न तो मैंने और न मेरे रिश्तेदारों ने राज्यपाल के लिए तय किया गया भोजन खाया. |
हकल्याह के पुत्र नहेम्याह के वचन। बीसवें वर्ष के किसलेव नामक महीने में, जब मैं शूशन नामक राजगढ़ में रहता था,
परन्तु मैं इस समय यरूशलेम में नहीं था, क्योंकि बाबेल के राजा अर्तक्षत्र के बत्तीसवें वर्ष में मैं राजा के पास चला गया। फिर कितने दिनों के बाद राजा से छुट्टी माँगी,
अर्तक्षत्र राजा के बीसवें वर्ष के नीसान नामक महीने में, जब उसके सामने दाखमधु था, तब मैंने दाखमधु उठाकर राजा को दिया। इससे पहले मैं उसके सामने कभी उदास न हुआ था।
तब, जिसको पाँच तोड़े मिले थे, उसने तुरन्त जाकर उनसे लेन-देन किया, और पाँच तोड़े और कमाए।
तो फिर मेरी कौन सी मजदूरी है? यह कि सुसमाचार सुनाने में मैं मसीह का सुसमाचार सेंत-मेंत कर दूँ; यहाँ तक कि सुसमाचार में जो मेरा अधिकार है, उसको मैं पूरी रीति से काम में लाऊँ।