गिबोनियों ने उससे कहा, “हमारे और शाऊल या उसके घराने के मध्य रुपये पैसे का कुछ झगड़ा नहीं; और न हमारा काम है कि किसी इस्राएली को मार डालें।” उसने कहा, “जो कुछ तुम कहो, वही मैं तुम्हारे लिये करूँगा।”
गिनती 35:32 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जो किसी शरणनगर में भागा हो उसके लिये भी इस मतलब से जुर्माना न लेना, कि वह याजक के मरने से पहले फिर अपने देश में रहने को लौटने पाए। पवित्र बाइबल “यदि किसी व्यक्ति ने किसी को मारा और वह भाग कर किसी ‘सुरक्षा नगर’ में गया, तो घर लौटने के लिये उससे धन न लो। उस व्यक्ति को उस नगर में तब तक रहना पड़ेगा जब तक याजक न मरे। Hindi Holy Bible और जो किसी शरणस्थान में भागा हो उसके लिये भी इस मतलब से जुरमाना न लेना, कि वह याजक के मरने से पहिले फिर अपने देश मे रहने को लौटने पाएं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम उस व्यक्ति से भी उद्धार का शुल्क मत लेना, जिसने शरण-नगर में भाग कर शरण ली है, और जो महापुरोहित की मृत्यु के पूर्व ही अपनी भूमि को लौटकर वहाँ निवास करना चाहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जो किसी शरणनगर में भागा हो उसके लिये भी इस मतलब से जुरमाना न लेना, कि वह याजक के मरने से पहले फिर अपने देश में रहने को लौटने पाए। सरल हिन्दी बाइबल “ ‘तुम उस व्यक्ति से बदले में मूल्य नहीं लोगे, जो अपने शरण शहर से भागा हुआ है, कि वह महापुरोहित की मृत्यु के पहले ही अपने देश जाकर रह सके. |
गिबोनियों ने उससे कहा, “हमारे और शाऊल या उसके घराने के मध्य रुपये पैसे का कुछ झगड़ा नहीं; और न हमारा काम है कि किसी इस्राएली को मार डालें।” उसने कहा, “जो कुछ तुम कहो, वही मैं तुम्हारे लिये करूँगा।”
और जो खूनी प्राणदण्ड के योग्य ठहरे उससे प्राणदण्ड के बदले में जुर्माना न लेना; वह अवश्य मार डाला जाए।
इसलिए जिस देश में तुम रहोगे उसको अशुद्ध न करना; खून से तो देश अशुद्ध हो जाता है, और जिस देश में जब खून किया जाए तब केवल खूनी के लहू बहाने ही से उस देश का प्रायश्चित हो सकता है। (व्यव. 21:7)
और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सके।”
मैं परमेश्वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं ठहराता, क्योंकि यदि व्यवस्था के द्वारा धार्मिकता होती, तो मसीह का मरना व्यर्थ होता।
परन्तु पवित्रशास्त्र ने सब को पाप के अधीन कर दिया, ताकि वह प्रतिज्ञा जिसका आधार यीशु मसीह पर विश्वास करना है, विश्वास करनेवालों के लिये पूरी हो जाए।
और वे यह नया गीत गाने लगे, “तू इस पुस्तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है। (प्रका. 5:12)