फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9)
उत्पत्ति 3:22 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, “मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिए अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़कर खा ले और सदा जीवित रहे।” (प्रका. 2:7, प्रका. 22:2,14,19, उत्प. 3:24, प्रका. 2:7) पवित्र बाइबल यहोवा परमेश्वर ने कहा, “देखो, पुरुष हमारे जैसा हो गया है। पुरुष अच्छाई और बुराई जानता है और अब पुरुष जीवन के पेड़ से भी फल ले सकता है। अगर पुरुष उस फल को खायेगा तो सदा ही जीवित रहेगा।” Hindi Holy Bible फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिये अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ा कर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु परमेश्वर ने कहा, ‘देखो, मनुष्य भले और बुरे को जानकर हममें से एक के समान बन गया है। अब कहीं ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल तोड़ ले, और उसे खाकर अमर हो जाए।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, “मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है : इसलिये अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे।” नवीन हिंदी बाइबल फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, “देखो, मनुष्य भले और बुरे का ज्ञान पाकर हममें से एक के समान हो गया है। अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाए और जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़कर खा ले, और सदा जीवित रहे।” सरल हिन्दी बाइबल फिर याहवेह परमेश्वर ने सोचा, “आदम और हव्वा ने भले और बुरे के ज्ञान का फल तो खा लिया, अब वे जीवन के पेड़ से फल खाकर सदा जीवित न रह जाएं.” |
फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” (याकू. 3:9)
और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भाँति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं, उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया। (प्रका. 2:7, प्रका. 22:14)
इसलिए यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की वाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिसमें से वह बनाया गया था।
वरन् परमेश्वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।”
नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें!
जो बुद्धि को ग्रहण कर लेते हैं, उनके लिये वह जीवन का वृक्ष बनती है; और जो उसको पकड़े रहते हैं, वह धन्य हैं।
हे लबानोन की रहनेवाली, हे देवदार में अपना घोंसला बनानेवाली, जब तुझको जच्चा की सी पीड़ाएँ उठें तब तू व्याकुल हो जाएगी!”
जिसके कान हों, वह सुन ले कि पवित्र आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूँगा। (प्रका. 2:11)
“धन्य वे हैं, जो अपने वस्त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के पेड़ के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से होकर नगर में प्रवेश करेंगे।
उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का पेड़ था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति-जाति के लोग चंगे होते थे। (यहे. 47:7)