इब्रानियों 10:38 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उससे प्रसन्न न होगा।” (हब. 2:4, गला. 3:11) पवित्र बाइबल मेरा धर्मी जन विश्वास से जियेगा और यदि वह पीछे हटेगा तो मैं उससे प्रसन्न न रहूँगा।” Hindi Holy Bible और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरा धार्मिकजन विश्वास के द्वारा जीवन प्राप्त करेगा; किन्तु यदि कोई पीछे हटे, तो मैं उस पर प्रसन्न नहीं होऊंगा।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा।” नवीन हिंदी बाइबल परंतु मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हटे, तो मेरा मन उससे प्रसन्न न होगा। सरल हिन्दी बाइबल किंतु, “जीवित वही रहेगा, जिसने अपने विश्वास के द्वारा धार्मिकता प्राप्त की है. किंतु यदि वह भयभीत हो पीछे हट जाए तो उसमें मेरी प्रसन्नता न रह जाएगी.” |
यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात् उनसे जो उसकी करुणा पर आशा लगाए रहते हैं।
क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न रहता है; वह नम्र लोगों का उद्धार करके उन्हें शोभायमान करेगा।
क्योंकि तू ऐसा परमेश्वर है, जो दुष्टता से प्रसन्न नहीं होता; बुरे लोग तेरे साथ नहीं रह सकते।
मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त है, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिरके मूर्खता न करने लगें।
मेरे दास को देखो जिसे मैं सम्भाले हूँ, मेरे चुने हुए को, जिससे मेरा जी प्रसन्न है; मैंने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह जाति-जाति के लिये न्याय प्रगट करेगा। (मत्ती 3:17, लूका 9:35, 2 पत. 1:17)
परन्तु जब धर्मी अपने धार्मिकता से फिरकर टेढ़े काम, वरन् दुष्ट के सब घृणित कामों के अनुसार करने लगे, तो क्या वह जीवित रहेगा? जितने धार्मिकता के काम उसने किए हों, उनमें से किसी का स्मरण न किया जाएगा। जो विश्वासघात और पाप उसने किया हो, उसके कारण वह मर जाएगा।
फिर जब धर्मी जन अपने धार्मिकता से फिरकर कुटिल काम करने लगे, और मैं उसके सामने ठोकर रखूँ, तो वह मर जाएगा, क्योंकि तूने जो उसको नहीं चिताया, इसलिए वह अपने पाप में फँसा हुआ मरेगा; और जो धार्मिकता के कर्म उसने किए हों, उनकी सुधि न ली जाएगी, पर उसके खून का लेखा मैं तुझी से लूँगा।
यदि मैं धर्मी से कहूँ कि तू निश्चय जीवित रहेगा, और वह अपने धार्मिकता पर भरोसा करके कुटिल काम करने लगे, तब उसके धार्मिकता के कामों में से किसी का स्मरण न किया जाएगा; जो कुटिल काम उसने किए हों वह उन्हीं में फँसा हुआ मरेगा।
देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है; परन्तु धर्मी अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा। (इब्रा. 10:37, 38, 2 पत. 3:9, रोम. 1:17, गला. 3:11)
और जो यहोवा के पीछे चलने से लौट गए हैं, और जिन्होंने न तो यहोवा को ढूँढ़ा, और न उसकी खोज में लगे, उनको भी मैं सत्यानाश कर डालूँगा।”
भला होता कि तुम में से कोई मन्दिर के किवाड़ों को बन्द करता कि तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ आग जलाने न पाते! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है, मैं तुम से कदापि प्रसन्न नहीं हूँ, और न तुम्हारे हाथ से भेंट ग्रहण करूँगा।
“देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैंने चुना है; मेरा प्रिय, जिससे मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूँगा; और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा।
पर अपने में जड़ न रखने के कारण वह थोड़े ही दिन रह पाता है, और जब वचन के कारण क्लेश या उत्पीड़न होता है, तो तुरन्त ठोकर खाता है।
क्योंकि उसमें परमेश्वर की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, “विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा।” (हब. 2:4, गला. 3:11)
पर यह बात प्रगट है, कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर के यहाँ कोई धर्मी नहीं ठहरता क्योंकि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
जिन्होंने प्रभु यीशु को और भविष्यद्वक्ताओं को भी मार डाला और हमको सताया, और परमेश्वर उनसे प्रसन्न नहीं; और वे सब मनुष्यों का विरोध करते हैं।
वे निकले तो हम में से ही, परन्तु हम में से न थे; क्योंकि यदि वे हम में से होते, तो हमारे साथ रहते, पर निकल इसलिए गए ताकि यह प्रगट हो कि वे सब हम में से नहीं हैं।