अय्यूब 37:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “फिर इस बात पर भी मेरा हृदय काँपता है, और अपने स्थान से उछल पड़ता है। पवित्र बाइबल “हे अय्यूब, जब इन बातों के विषय में मैं सोचता हूँ, मेरा हृदय बहुत जोर से धड़कता है। Hindi Holy Bible फिर इस बात पर भी मेरा हृदय कांपता है, और अपने स्थान से उछल पड़ता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘इस बात पर भी मेरा हृदय काँप उठता है, और अपने स्थान से उछल पड़ता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “फिर इस बात पर भी मेरा हृदय काँपता है, और अपने स्थान से उछल पड़ता है। सरल हिन्दी बाइबल “मैं इस विचार से भी कांप उठता हूं. वस्तुतः मेरा हृदय उछल पड़ता है. |
परमेश्वर पवित्र लोगों की गोष्ठी में अत्यन्त प्रतिष्ठा के योग्य, और अपने चारों ओर सब रहनेवालों से अधिक भययोग्य है। (2 थिस्स. 1:10, भज. 76:7,11)
जब तीसरा दिन आया तब भोर होते बादल गरजने और बिजली चमकने लगी, और पर्वत पर काली घटा छा गई, फिर नरसिंगे का शब्द बड़ा भारी हुआ, और छावनी में जितने लोग थे सब काँप उठे।
यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैंने रेत को समुद्र की सीमा ठहराकर युग-युग का ऐसा बाँध ठहराया कि वह उसे पार न कर सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तो भी वे प्रबल न हो सके, या जब वे गरजें तो भी उसको न पार कर सके।
यह सब सुनते ही मेरा कलेजा काँप उठा, मेरे होंठ थरथराने लगे; मेरी हड्डियाँ सड़ने लगीं, और मैं खड़े-खड़े काँपने लगा। मैं शान्ति से उस दिन की बाट जोहता रहूँगा जब दल बाँधकर प्रजा चढ़ाई करे।
कि इतने में अचानक एक बड़ा भूकम्प हुआ, यहाँ तक कि बन्दीगृह की नींव हिल गई, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्धन खुल गए।