2 कुरिन्थियों 4:8 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरुपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। पवित्र बाइबल हम हर समय हर किसी प्रकार से कठिन दबावों में जीते हैं, किन्तु हम कुचले नहीं गये हैं। हम घबराये हुए हैं किन्तु निराश नहीं हैं। Hindi Holy Bible हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम कष्टों से घिरे रहते हैं, परन्तु कभी हार नहीं मानते। हम परेशान होते हैं, परन्तु कभी निराश नहीं होते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरुपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते; नवीन हिंदी बाइबल हम चारों ओर से कष्ट तो सहते हैं परंतु कुचले नहीं जाते, निरुपाय तो होते हैं परंतु आशा नहीं छोड़ते, सरल हिन्दी बाइबल हम चारों ओर से कष्टों से घिरे रहते हैं, किंतु कुचले नहीं जाते; घबराते तो हैं, किंतु निराश नहीं होते; |
परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।
क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जैतून के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियाँ न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, (लूका 13:6)
तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने के बाहर है: और परमेश्वर विश्वासयोग्य है: वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन् परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। (2 पत. 2:9)
इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूँ; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूँ, तभी बलवन्त होता हूँ।
परन्तु हर बात में परमेश्वर के सेवकों के समान अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्लेशों से, दरिद्रता से, संकटों से,
क्योंकि जब हम मकिदुनिया में आए, तब भी हमारे शरीर को चैन नहीं मिला, परन्तु हम चारों ओर से क्लेश पाते थे; बाहर लड़ाइयाँ थीं, भीतर भयंकर बातें थी।
इच्छा तो यह होती है, कि अब तुम्हारे पास आकर और ही प्रकार से बोलूँ, क्योंकि तुम्हारे विषय में मैं विकल हूँ।
शमूएल ने शाऊल से पूछा, “तूने मुझे ऊपर बुलवाकर क्यों सताया है?” शाऊल ने कहा, “मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; क्योंकि पलिश्ती मेरे साथ लड़ रहे हैं और परमेश्वर ने मुझे छोड़ दिया, और अब मुझे न तो भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उत्तर देता है, और न स्वप्नों के; इसलिए मैंने तुझे बुलाया कि तू मुझे जता दे कि मैं क्या करूँ।”
और दाऊद बड़े संकट में पड़ा; क्योंकि लोग अपने बेटे-बेटियों के कारण बहुत शोकित होकर उस पर पथरवाह करने की चर्चा कर रहे थे। परन्तु दाऊद ने अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण करके हियाव बाँधा।
तब शाऊल ने अपने हथियार ढोनेवाले से कहा, “अपनी तलवार खींचकर मुझे भोंक दे, ऐसा न हो कि वे खतनारहित लोग आकर मुझे भोंक दें, और मेरा ठट्ठा करें।” परन्तु उसके हथियार ढोनेवाले ने अत्यन्त भय खाकर ऐसा करने से इन्कार किया। तब शाऊल अपनी तलवार खड़ी करके उस पर गिर पड़ा।