‘यदि तलवार या मरी अथवा अकाल या और कोई विपत्ति हम पर पड़े, तो भी हम इसी भवन के सामने और तेरे सामने (तेरा नाम तो इस भवन में बसा है) खड़े होकर, अपने क्लेश के कारण तेरी दुहाई देंगे और तू सुनकर बचाएगा।’
2 इतिहास 6:29 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यदि कोई मनुष्य या तेरी सारी प्रजा इस्राएल जो अपना-अपना दुःख और अपना-अपना खेद जानकर और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाएँ; पवित्र बाइबल और तब तेरे लोग अर्थात इस्राएल का कोई व्यक्ति प्रार्थना या याचना करे तथा हर एक व्यक्ति अपनी आपत्ति और पीड़ा को जानता रहे एवं यदि वह व्यक्ति इस मन्दिर को देखते हुए अपने हाथ और अपनी भुजायें उठाए Hindi Holy Bible तब यदि कोई मनुष्य वा तेरी सारी प्रजा इस्राएल जो अपना अपना दु:ख और अपना अपना खेद जान कर और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना कर के अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाए; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब यदि तेरे निज लोग इस्राएली सामूहिक रूप से अथवा कोई भी मनुष्य निज रूप से अपनी विपत्ति में दु:खी होकर इस भवन की ओर अपने हाथ फैलाएगा और तुझसे प्रार्थना तथा विनती करेगा, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यदि कोई मनुष्य या तेरी सारी प्रजा इस्राएल जो अपना अपना दु:ख और अपना अपना खेद जानकर और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाए; सरल हिन्दी बाइबल किसी व्यक्ति या आपकी प्रजा इस्राएल के द्वारा उनके दुःख और पीड़ा की स्थिति में इस भवन की ओर हाथ फैलाकर कैसी भी प्रार्थना या विनती की जाए, |
‘यदि तलवार या मरी अथवा अकाल या और कोई विपत्ति हम पर पड़े, तो भी हम इसी भवन के सामने और तेरे सामने (तेरा नाम तो इस भवन में बसा है) खड़े होकर, अपने क्लेश के कारण तेरी दुहाई देंगे और तू सुनकर बचाएगा।’
“जब इस देश में अकाल या मरी या झुलस हो या गेरुई या टिड्डियाँ या कीड़े लगें, या उनके शत्रु उनके देश के फाटकों में उन्हें घेर रखें, या कोई विपत्ति या रोग हो;
तो तू अपने स्वर्गीय निवास-स्थान से सुनकर क्षमा करना, और एक-एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जाननेवाला है);
जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूँगा; संकट में मैं उसके संग रहूँगा, मैं उसको बचाकर उसकी महिमा बढ़ाऊँगा।
जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुख फेर लूँगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तो भी मैं तुम्हारी न सुनूँगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं। (नीति. 1:28, मीका 3:4)