उनसे उसने पूछा, “मैं प्रजा के लोगों को कैसा उत्तर दूँ? इसमें तुम क्या सम्मति देते हो? उन्होंने तो मुझसे कहा है, ‘जो जूआ तेरे पिता ने हम पर डाल रखा है, उसे तू हलका कर।’”
2 इतिहास 10:9 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उनसे उसने पूछा, “मैं प्रजा के लोगों को कैसा उत्तर दूँ, इसमें तुम क्या सम्मति देते हो? उन्होंने तो मुझसे कहा है, ‘जो जूआ तेरे पिता ने हम पर डाल रखा है, उसे तू हलका कर।’” पवित्र बाइबल रहूबियाम ने उनसे कहा, “तुम लोग क्या सलाह देते हो जिसे मैं उन लोगों से कहूँ उन्होंने मुझसे अपने काम को हल्का करने को कहा है और वे चाहते हैं कि मैं अपने पिता द्वारा उन पर डाले गए वजन को कुछ कम करूँ।” Hindi Holy Bible उन से उसने पूछा, मैं प्रजा के लोगों को कैसा उत्तर दूं, इस में तुम क्या सम्मति देते हो? उन्होंने तो मुझ से कहा है, कि जो जूआ तेरे पिता ने हम पर डाल रखा है, उसे तू हलका कर। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) रहबआम ने उनसे पूछा, ‘तुम मुझे क्या सलाह देते हो? मैं उन लोगों को क्या उत्तर दूं? उन्होंने मुझसे निवेदन किया है कि मैं जूए के भार को, जो उनके कन्धे पर मेरे पिता ने रखा है, हलका कर दूं।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उनसे उसने पूछा, “मैं प्रजा के लोगों को कैसा उत्तर दूँ, इसमें तुम क्या सम्मति देते हो? उन्होंने तो मुझ से कहा है, ‘जो जूआ तेरे पिता ने हम पर डाल रखा है, उसे तू हल्का कर।’ ” सरल हिन्दी बाइबल उसने उनसे पूछा “इन लोगों के लिए तुम्हारी राय क्या है, जो लोग मुझसे विनती करने आए थे, ‘आपके पिता द्वारा हम पर रखा गया जूआ हल्का कर दीजिए’?” |
उनसे उसने पूछा, “मैं प्रजा के लोगों को कैसा उत्तर दूँ? इसमें तुम क्या सम्मति देते हो? उन्होंने तो मुझसे कहा है, ‘जो जूआ तेरे पिता ने हम पर डाल रखा है, उसे तू हलका कर।’”
जवानों ने जो उसके संग बड़े हुए थे उसको यह उत्तर दिया, “उन लोगों ने तुझ से कहा है, ‘तेरे पिता ने हमारा जूआ भारी किया था, परन्तु उसे हमारे लिये हलका कर;’ तू उनसे यह कहना, ‘मेरी छिंगुलिया मेरे पिता की कमर से भी मोटी ठहरेगी।
तब राजा रहबाम ने उन बूढ़ों से जो उसके पिता सुलैमान के जीवन भर उसके सामने उपस्थित रहा करते थे, यह कहकर सम्मति ली, “इस प्रजा को कैसा उत्तर देना उचित है, इसमें तुम क्या सम्मति देते हो?”
परन्तु उसने उस सम्मति को जो बूढ़ों ने उसको दी थी छोड़ दिया और उन जवानों से सम्मति ली, जो उसके संग बड़े हुए थे और उसके सम्मुख उपस्थित रहा करते थे।