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1 राजाओं 15:23 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

आसा के अन्य काम और उसकी वीरता और जो कुछ उसने किया, और जो नगर उसने दृढ़ किए, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? परन्तु उसके बुढ़ापे में तो उसे पाँवों का रोग लग गया।

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पवित्र बाइबल

आसा के बारे में अन्य बातें, व महान कार्य जो उसने किये और नगर जिन्हें उसने बनाया वह, यहुदा के राजाओं के इतिहास नामक पुस्तक में लिखा है। जब आसा बूढ़ा हुआ तो उसके पैर में एक रोग उत्पन्न हुआ।

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Hindi Holy Bible

आसा के और काम और उसकी वीरता और जो कुछ उसने किया, और जो नगर उसने दृढ़ किए, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

आसा के शेष कार्यों का विवरण, उसके वीरतापूर्ण कार्यों का, उसके सब कार्यों का तथा उसके द्वारा निर्मित नगरों का विवरण, ‘यहूदा प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में लिखा हुआ है। वृद्धावस्‍था में उसके पैरों में रोग हो गया था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

आसा के अन्य कार्य और उसकी वीरता और जो कुछ उसने किया, और जो नगर उसने दृढ़ किए, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? परन्तु उसके बुढ़ापे में उसे पाँवों का रोग लग गया।

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सरल हिन्दी बाइबल

आसा द्वारा किए गए बाकी काम, उनका शौर्य और उनकी सारी उपलब्धियां और उसके द्वारा बसाए गए नगरों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास नामक पुस्तक में है. उसके बुढ़ापे में उसके पैर रोगग्रस्त हो गए थे.

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1 राजाओं 15:23
7 क्रॉस रेफरेंस  

यारोबाम के और काम अर्थात् उसने कैसा-कैसा युद्ध किया, और कैसा राज्य किया, यह सब इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखा है।


उन्होंने गरार के आस-पास के सब नगरों को मार लिया, क्योंकि यहोवा का भय उनके रहनेवालों के मन में समा गया और उन्होंने उन नगरों को लूट लिया, क्योंकि उनमें बहुत सा धन था।


उसने यहूदियों से कहा, “आओ हम इन नगरों को बसाएँ और उनके चारों ओर शहरपनाह, गढ़ और फाटकों के पल्ले और बेड़े बनाएँ; देश अब तक हमारे सामने पड़ा है, क्योंकि हमने, अपने परमेश्वर यहोवा की खोज की है; हमने उसकी खोज की और उसने हमको चारों ओर से विश्राम दिया है।” तब उन्होंने उन नगरों को बसाया और समृद्ध हुए।


हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष भी हो जाएँ, तो भी उनका घमण्ड केवल कष्ट और शोक ही शोक है; क्योंकि वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं।