बर्जिल्लै ने राजा से कहा, “मुझे कितने दिन जीवित रहना है, कि मैं राजा के संग यरूशलेम को जाऊँ?
1 कुरिन्थियों 7:29 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे भाइयों, मैं यह कहता हूँ, कि समय कम किया गया है, इसलिए चाहिए कि जिनके पत्नी हों, वे ऐसे हों मानो उनके पत्नी नहीं। पवित्र बाइबल हे भाइयो, मैं तो यही कह रहा हूँ, वक्त बहुत थोड़ा है। इसलिए अब से आगे, जिनके पास पत्नियाँ हैं, वे ऐसे रहें, मानो उनके पास पत्नियाँ हैं ही नहीं। Hindi Holy Bible हे भाइयो, मैं यह कहता हूं, कि समय कम किया गया है, इसलिये चाहिए कि जिन के पत्नी हों, वे ऐसे हों मानो उन के पत्नी नहीं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों से यह कहता हूँ : समय थोड़ा ही रह गया है। अब से जो विवाहित हैं वे भी इस तरह रहें मानो विवाहित नहीं हैं; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे भाइयो, मैं यह कहता हूँ कि समय कम किया गया है, इसलिये चाहिए कि जिन के पत्नी हों, वे ऐसे हों मानो उन के पत्नी नहीं; नवीन हिंदी बाइबल हे भाइयो, मैं यह कहता हूँ कि समय कम किया गया है। इसलिए अब से जिनके पास पत्नी है, वे ऐसे रहें मानो उनकी पत्नी नहीं है, सरल हिन्दी बाइबल प्रिय भाई बहनो, मेरा मतलब यह है कि थोड़ा ही समय शेष रह गया है इसलिये अब से वे, जो विवाहित हैं ऐसे रहें, मानो अविवाहित हों. |
बर्जिल्लै ने राजा से कहा, “मुझे कितने दिन जीवित रहना है, कि मैं राजा के संग यरूशलेम को जाऊँ?
क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाई के समान बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद सूर्य के नीचे क्या होगा?
जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जानेवाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है।
समय आ गया, दिन निकट आ गया है; न तो मोल लेनेवाला आनन्द करे और न बेचनेवाला शोक करे, क्योंकि उनकी सारी भीड़ पर कोप भड़क उठा है।
परन्तु यदि तू विवाह भी करे, तो पाप नहीं; और यदि कुँवारी ब्याही जाए तो कोई पाप नहीं; परन्तु ऐसों को शारीरिक दुःख होगा, और मैं बचाना चाहता हूँ।
और रोनेवाले ऐसे हों, मानो रोते नहीं; और आनन्द करनेवाले ऐसे हों, मानो आनन्द नहीं करते; और मोल लेनेवाले ऐसे हों, कि मानो उनके पास कुछ है नहीं।
और इस संसार के साथ व्यवहार करनेवाले ऐसे हों, कि संसार ही के न हो लें; क्योंकि इस संसार की रीति और व्यवहार बदलते जाते हैं।
क्योंकि “हर एक प्राणी घास के समान है, और उसकी सारी शोभा घास के फूल के समान है: घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है।
सब बातों का अन्त तुरन्त होनेवाला है; इसलिए संयमी होकर प्रार्थना के लिये सचेत रहो। (याकू. 5:8, इफि. 6:18)
संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।