1 कुरिन्थियों 2:13 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिनको हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु पवित्र आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मा, आत्मिक ज्ञान से आत्मिक बातों की व्याख्या करती है। पवित्र बाइबल उन ही बातों को हम मानवबुद्धि द्वारा विचारे गये शब्दों में नहीं बोलते बल्कि आत्मा द्वारा विचारे गये शब्दों से आत्मा की वस्तुओं की व्याख्या करते हुए बोलते हैं। Hindi Holy Bible जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम इन वरदानों की व्याख्या करते समय मानवीय बुद्धि से प्रेरित शब्दों का नहीं, बल्कि आत्मा द्वारा प्रदत्त शब्दों का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार हम आध्यात्मिक शब्दावली में आध्यात्मिक तथ्यों की विवेचना करते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिनको हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिलाकर सुनाते हैं। नवीन हिंदी बाइबल उन्हीं बातों को हम बताते भी हैं, मनुष्यों के ज्ञान के सिखाए हुए शब्दों में नहीं बल्कि आत्मिक बातों की तुलना आत्मिक बातों से करके आत्मा के द्वारा सिखाए हुए शब्दों में। सरल हिन्दी बाइबल हम उनके लिए, जो आत्मिक हैं, आत्मिक बातों का वर्णन मनुष्य के ज्ञान के शब्दों के द्वारा नहीं परंतु आत्मिक शब्दों में करते हैं. |
और वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ्य दी, वे अन्य-अन्य भाषा बोलने लगे।
क्योंकि मसीह ने मुझे बपतिस्मा देने को नहीं, वरन् सुसमाचार सुनाने को भेजा है, और यह भी मनुष्यों के शब्दों के ज्ञान के अनुसार नहीं, ऐसा न हो कि मसीह का क्रूस व्यर्थ ठहरे।
क्योंकि जो अन्य भाषा में बातें करता है; वह मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से बातें करता है; इसलिए कि उसकी बातें कोई नहीं समझता; क्योंकि वह भेद की बातें आत्मा में होकर बोलता है।
हे भाइयों, जब मैं परमेश्वर का भेद सुनाता हुआ तुम्हारे पास आया, तो वचन या ज्ञान की उत्तमता के साथ नहीं आया।
परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उसकी दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उनकी जाँच आत्मिक रीति से होती है।
और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभानेवाली बातें नहीं; परन्तु आत्मा और सामर्थ्य का प्रमाण था,
यदि हमने तुम्हारे लिये आत्मिक वस्तुएँ बोईं, तो क्या यह कोई बड़ी बात है, कि तुम्हारी शारीरिक वस्तुओं की फसल काटें।
और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने-अपने मन में प्रभु के सामने गाते और स्तुति करते रहो। (कुलु. 3:16, 1 कुरि. 14:26)
मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने-अपने मन में कृतज्ञता के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
उन पर यह प्रगट किया गया कि वे अपनी नहीं वरन् तुम्हारी सेवा के लिये ये बातें कहा करते थे, जिनका समाचार अब तुम्हें उनके द्वारा मिला जिन्होंने पवित्र आत्मा के द्वारा जो स्वर्ग से भेजा गया, तुम्हें सुसमाचार सुनाया, और इन बातों को स्वर्गदूत भी ध्यान से देखने की लालसा रखते हैं।
क्योंकि जब हमने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ्य का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन् हमने आप ही उसके प्रताप को देखा था।