पुस्तक-परिचय
प्रस्तुत ग्रंथ में प्रभु परमेश्वर के नाम से छोटे-छोटे संदेश संकलित हैं, जो कुछ ही महीनों के भीतर नबी हग्गय के माध्यम से इस्राएली लोगों को मिलते रहे। यह सन् 520 ईसवी पूर्व का समय था। फारसी सम्राट कुस्रू ने घोषित किया था कि बेबीलोन में निष्कासित इस्राएली लोग स्वतंत्र हो कर स्वदेश लौट सकते हैं। एक उत्साही दल यरूशलेम लौट आया। कुछ वर्ष बीत गए। किन्तु यरूशलेम का मन्दिर अब भी ध्वस्त पड़ा था। अत: इन सन्देशों में नबी हग्गय जनता के नेताओं, अर्थात् राज्यपाल जरूब्बाबेल और महापुरोहित यहोशुअ से अनुरोध करते हैं कि वे खण्डहर पड़े प्रभु मन्दिर का पुनर्निर्माण करें। तब प्रभु परिष्कृत तथा आत्म-जागृत कौम को समृद्धि तथा शांति प्रदान करेगा।
विषय-वस्तु की रूपरेखा
प्रभु का आदेश : “मेरे भवन का पुनर्निर्माण करो” 1:1-15
शान्ति और आशा के सन्देश 2:1-23