1 उस दिन सात स्त्रियाँ एक पुरुष को पकड़कर यह निवेदन करेंगी, ‘हम अपने भोजन की व्यवस्था स्वयं करेंगी, पहिनने के लिए वस्त्र भी स्वयं जुटा लेंगी, तुम्हारी कमाई नहीं खाएंगी। बस हमें अपनी पत्नी स्वीकार करो; और हमारे कुंआरेपन का कलंक मिटा दो।’ यरूशलेम नगर का सुन्दर भविष्य2 उस दिन प्रभु का अंकुर, जिसको उसने रोपा था, सुन्दर और भव्य होगा, शेष बचे हुए इस्राएलियों के लिए भूमि की उपज गौरव और गर्व की बात होगी। 3 सियोन में बचे हुए व्यक्ति, यरूशलेम में शेष रहे पुरुष, सब जिनके नाम वहाँ ‘जीवन की पुस्तक’ में लिखे हुए हैं, पवित्र कहलाएंगे। 4 जब स्वामी सियोन की पुत्रियों के कलंक को दूर करेगा, और न्याय की आत्मा तथा अग्नि की आत्मा से यरूशलेम के खून के दागों को धोकर दूर करेगा, 5 तब वह सियोन पर्वत की समस्त इमारतों पर, तथा उसके समस्त सभा-भवनों के ऊपर दिन के समय मेघ तथा रात के समय धूआं और धधकती अग्नि का प्रकाश उत्पन्न करेगा। सबके ऊपर प्रभु की महिमा मंडप और वितान के सदृश फैली रहेगी। 6 वह दिन में धूप से बचाव के लिए छाया करेगी। वह आंधी और वर्षा से बचने के लिए आश्रय और शरण-स्थल होगी। |
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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