1 तत्पश्चात् अबियाह अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। लोगों ने उसको दाऊदपुर में गाड़ा। उसके स्थान पर उसका पुत्र आसा राज्य करने लगा। आसा के राज्यकाल में दस वर्ष तक देश में शान्ति रही। आसा का राज्य2 उसने वही कार्य किया जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में उचित था। 3 उसने अन्य जाति की वेदियां, पहाड़ी शिखर के पूजागृह ध्वस्त कर दिए। उसने पूजा-स्तम्भ तथा अशेराह देवी की प्रतिमा को काट दिया। 4 उसने यहूदा प्रदेश के निवासियों को आदेश दिया कि वे अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर के दर्शन के खोजी बनें, और उसकी व्यवस्था तथा आज्ञाओं का पालन करें। 5 यहूदा प्रदेश के नगरों में पहाड़ी शिखरों पर पूजागृह तथा धूप-वेदियां थीं। उसने सब नगरों से उनको हटा दिया। यों उसके अधीन समस्त राज्य में शान्ति रही। 6 समस्त राज्य में शान्ति थी। अत: राजा ने यहूदा प्रदेश में किलाबन्द नगरों का निर्माण किया। प्रभु ने उस को शान्ति प्रदान की थी। उसके राज्य-काल में युद्ध नहीं हुए। 7 उसने यहूदा प्रदेश के निवासियों से कहा, ‘आओ, हम अपने नगरों का पुनर्निर्माण करें, और उनको शहरपनाह से घेरें। उनमें किले और दरवाजे बनाएं, दरवाजों में पल्ले और बेड़ें लगवाएं। यह देश अब तक हमारा है; क्योंकि हम अपने प्रभु परमेश्वर के खोजी हैं। हमने उसको खोजा, और उसने हमें चहुंओर शान्ति प्रदान की।’ अत: उन्होंने नगरों का पुनर्निर्माण-कार्य आरम्भ किया, और वे अपने कार्य में सफल भी हुए। 8 राजा आसा के पास यहूदा प्रदेश तथा बिन्यामिन कुल-क्षेत्र के सैनिक थे: यहूदा प्रदेश के तीन लाख सैनिक तथा बिन्यामिन कुल-क्षेत्र के दो लाख अस्सी हजार सैनिक। यहूदा प्रदेश के सैनिक ढाल और बर्छी रखते थे, और बिन्यामिन के सैनिक फरी और धनुष धारण करते थे। सब सैनिक सशक्त और शूरवीर थे। इथियोपिया देश के राजा जेरह का आक्रमण9 इथियोपिया देश का राजा जेरह यहूदा प्रदेश पर आक्रमण करने के लिए निकला। उसकी सेना में दस लाख सैनिक, और तीन सौ रथ थे। वह मारेशा नामक स्थान तक पहुंच गया। 10 आसा उसका सामना करने के लिए निकला। उन्होंने सापता घाटी में, मारेशा में युद्ध के लिए पंिक्त बांधी। 11 तब राजा आसा ने प्रभु परमेश्वर की दुहाई दी। उसने कहा, ‘हे प्रभु, निर्बल की सहायता करने वाला तेरे समान और कौन ईश्वर है? जब बलवान और निर्बल में लड़ाई होती है, तब तू निर्बल की सहायता करता है। हे प्रभु परमेश्वर, हमारी सहायता कर; क्योंकि हमने तुझ पर भरोसा किया है। हम तेरे नाम में ही शत्रु की इस विशाल सेना का सामना करने के लिए आए हैं। हे प्रभु, तू ही हमारा परमेश्वर है। कोई भी मनुष्य तुझ पर प्रबल न हो!’ 12 अत: प्रभु ने राजा आसा और यहूदा प्रदेश की सेना के सम्मुख इथियोपियाई सेना को पराजित कर दिया। इथियोपियाई सेना सिर पर पैर रखकर भागी। 13 किन्तु राजा आसा तथा उसके साथ के सैनिकों ने गरार नगर तक उनका पीछा किया। इथियोपियाई सैनिक धराशायी होते गए, और उनका एक भी सैनिक प्राण बचाकर न भाग सका। वे प्रभु और इसकी सेना के सम्मुख टूट गए! यहूदा प्रदेश के सैनिकों को अपार लूट हाथ लगी। 14 उन्होंने गरार के आस-पास के सब नगरों को खण्डहर बना दिया; क्योंकि प्रभु का आतंक उन पर छाया हुआ था। उन नगरों में लूट का बहुत माल था। अत: उन्होंने उनको लूट लिया। 15 पशु-पालन करने वाले लोग तम्बू में रहते थे। यहूदा के सैनिकों ने उनके तम्बू उखाड़ दिए, और असंख्य भेड़-बकरी और ऊंट लूटकर ले गए। तब वे राजधानी यरूशलेम को लौटे। |
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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