परमेश्वर हमारा दृढ़ गढ़ हैसंगीत निर्देशक के लिए। अल तशहेत की राग पर दाऊद का मिक्ताम। जब शाऊल के भेजे हुए लोगों ने दाऊद को मार डालने के लिए उसके घर को घेर लिया था। 1 हे मेरे परमेश्वर, मुझे मेरे शत्रुओं से छुड़ा; मुझे ऊँचे स्थान पर रखकर विरोधियों से मेरी रक्षा कर। 2 मुझे बुराई करनेवालों से छुड़ा; और हत्यारे मनुष्यों से मुझे बचा ले। 3 क्योंकि देख, वे मेरी घात में हैं। हे यहोवा, मेरा कोई अपराध या दोष नहीं है फिर भी ये हिंसक लोग मेरे विरुद्ध इकट्ठे होते हैं। 4 मैं निर्दोष हूँ, पर वे तुरंत मुझसे लड़ने को तैयार हो जाते हैं। मेरी सहायता के लिए जाग और यह देख! 5 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर! सब अन्यजातियों को दंड देने के लिए जाग! किसी विश्वासघात करनेवाले कुकर्मी पर अनुग्रह न कर। सेला। 6 वे साँझ को लौटकर कुत्ते के समान गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं। 7 देख, वे अपने मुँह से जहर उगलते हैं, उनके मुँह के भीतर तलवारें हैं। वे कहते हैं, “कौन सुनता है?” 8 परंतु हे यहोवा, तू उन पर हँसेगा; तू सब अन्यजातियों को ठट्ठों में उड़ाएगा। 9 हे मेरे बल, मुझे तेरी ही आस होगी; क्योंकि परमेश्वर मेरा ऊँचा गढ़ है। 10 मेरा परमेश्वर अपनी करुणा में मुझसे मिलेगा; परमेश्वर ऐसा करेगा कि मैं अपने शत्रुओं की पराजय देखूँ। 11 उन्हें घात न कर, ऐसा न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए। हे प्रभु, हे हमारी ढाल, अपने सामर्थ्य से उन्हें तितर-बितर कर, और उन्हें गिरा दे। 12 वे अपने मुँह के पाप और होठों के शब्दों के कारण, तथा अपने शाप देने और झूठ बोलने के कारण अपने अभिमान में पकड़े जाएँ। 13 अपने प्रकोप से उनका विनाश कर, हाँ, उनका विनाश कर जिससे उनका अंत हो जाए, और समस्त पृथ्वी के लोग यह जानें कि परमेश्वर याकूब पर राज्य करता है। सेला। 14 वे साँझ को लौटकर कुत्ते के समान गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं। 15 वे रोटी के लिए मारे-मारे फिरते हैं, और तृप्त न होने पर रात भर गुर्राते हैं। 16 परंतु मैं तेरे सामर्थ्य का गीत गाऊँगा, और भोर को तेरी करुणा का जय जयकार करूँगा, क्योंकि तू मेरा ऊँचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान है। 17 हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊँगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊँचा गढ़ और मेरा करुणामय परमेश्वर है। |