यहोवा धर्मियों को छुड़ाता हैदाऊद का भजन। जब वह अबीमेलेक के सामने पागल सा बना, और अबीमेलेक ने उसे निकाल दिया, और वह चला गया। 1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहूँगा; उसकी स्तुति निरंतर मेरे मुख से होती रहेगी। 2 मेरा प्राण यहोवा पर गर्व करेगा; नम्र लोग यह सुनकर आनंदित होंगे। 3 मेरे साथ यहोवा की प्रशंसा करो। आओ, हम सब मिलकर उसके नाम की स्तुति करें। 4 मैंने यहोवा से विनती की, और उसने मुझे उत्तर दिया तथा मेरे सारे भय से मुझे मुक्त किया। 5 जिन्होंने उसकी ओर देखा उन्होंने ज्योति पाई; वे कभी लज्जित न होंगे। 6 इस दुःखी जन ने पुकारा, तब यहोवा ने उसकी सुन ली और उसके सारे कष्टों से उसे छुड़ा लिया। 7 यहोवा का भय माननेवालों के चारों ओर उसका दूत छावनी डालकर उन्हें बचाता है। 8 परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो उसकी शरण लेता है। 9 हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसका भय माननेवालों को कोई घटी नहीं होती। 10 जवान सिंहों को तो घटी होती है, और वे भूखे भी रह जाते हैं, परंतु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होगी। 11 हे बालको, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम्हें यहोवा का भय मानना सिखाऊँगा। 12 वह कौन है जो जीवन की अभिलाषा रखता है और दीर्घायु चाहता है कि भलाई देखे? 13 अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें बोलने से रोक रख। 14 बुराई से दूर रह, और भलाई कर। शांति को खोज और उसका पीछा कर। 15 यहोवा की आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं और उसके कान उनकी पुकार की ओर लगे रहते हैं। 16 यहोवा बुराई करनेवालों के विरुद्ध रहता है कि उनका स्मरण भी पृथ्वी पर से मिटा डाले। 17 धर्मी पुकारते हैं और यहोवा सुनता है, और उन्हें उनकी सारी विपत्तियों से छुड़ाता है। 18 यहोवा टूटे मनवालों के निकट रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है। 19 धर्मी पर बहुत सी विपत्तियाँ आती तो हैं, परंतु यहोवा उसे उन सब से छुड़ाता है। 20 वह उसकी हड्डी-हड्डी की रक्षा करता है, और उनमें से एक भी नहीं टूटती। 21 दुष्ट को उसी की दुष्टता मार डालेगी, और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे। 22 यहोवा अपने दासों का प्राण मोल लेकर छुड़ाता है, और उसके शरणागतों में से कोई भी दोषी न ठहरेगा। |