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नीतिवचन 15 - नवीन हिंदी बाइबल नवीन हिंदी बाइबल
नीतिवचन 15

1 विनम्र उत्तर सुनने से क्रोध शांत हो जाता है, परंतु कटु वचन सुनकर क्रोध भड़क उठता है।

2 बुद्धिमानों की जीभ ज्ञान का उचित प्रयोग करती है, परंतु मूर्खों का मुँह मूर्खता ही उगलता है।

3 यहोवा की आँखें सब स्थानों में लगी रहती हैं, वे बुरे और भले दोनों को देखती रहती हैं।

4 शांति देनेवाली जीभ जीवन का वृक्ष है, परंतु कुटिल बातों से आत्मा दुःखी होती है।

5 मूर्ख अपने पिता की शिक्षा का तिरस्कार करता है, परंतु जो पिता की ताड़ना पर ध्यान देता है, वह समझदार है।

6 धर्मी के घर में बहुत धन रहता है, परंतु दुष्‍ट की कमाई में दुःख पाया जाता है।

7 बुद्धिमानों का मुँह ज्ञान फैलाता है, परंतु मूर्खों का मन ऐसा नहीं करता।

8 दुष्‍ट लोगों के बलिदान से यहोवा घृणा करता है, परंतु सीधे लोगों की प्रार्थना से वह प्रसन्‍न‍ होता है।

9 दुष्‍ट के चाल-चलन से यहोवा घृणा करता है, परंतु जो धार्मिकता का पीछा करता है, उससे वह प्रेम रखता है।

10 जो मार्ग को छोड़ देता है, उसकी बड़ी ताड़ना होती है; और जो डाँट से बैर रखता है, वह मर जाता है।

11 जब अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं, तो मनुष्यों के मन और भी कितने अधिक खुले होंगे!

12 ठट्ठा करनेवाला अपने डाँटनेवाले से प्रेम नहीं करता, और न ही वह बुद्धिमानों के पास जाता है।

13 जब मन आनंदित होता है तो मुख पर प्रसन्‍न‍ता छा जाती है, परंतु जब मन दुःखी होता है तो आत्मा भी निराश हो जाती है।

14 समझदार मनुष्य का मन ज्ञान की खोज में रहता है, परंतु मूर्ख लोग मूर्खता से ही पेट भरते हैं।

15 दुःखी व्यक्‍ति के सब दिन बुरे होते हैं; परंतु जिसका मन प्रसन्‍न‍ रहता है, वह सदैव उत्सव मनाता है।

16 यहोवा का भय मानने के साथ थोड़ा ही धन, उस अपार संपत्ति से उत्तम है जिसमें कष्‍ट पाए जाते हों।

17 प्रेमवाले घर में सागपात का भोजन, बैरवाले घर में मोटे पशु के मांस से उत्तम है।

18 क्रोधी मनुष्य झगड़ा भड़काता है, परंतु जो क्रोध करने में धीमा है, वह झगड़े को शांत करता है।

19 आलसी का मार्ग काँटों से भरा हुआ होता है, परंतु सीधे लोगों का मार्ग समतल होता है।

20 बुद्धिमान पुत्र अपने पिता को प्रसन्‍न‍ करता है, परंतु मूर्ख व्यक्‍ति अपनी माता को तुच्छ जानता है।

21 नासमझ मनुष्य के लिए मूर्खता आनंद की बात है, परंतु समझवाला मनुष्य सीधी चाल चलता है।

22 सम्मति के बिना योजनाएँ निष्फल हो जाती हैं, परंतु कई सलाहकार होने से वे सफल होती हैं।

23 सटीक उत्तर देना मनुष्य के लिए आनंद की बात है, और उपयुक्‍त समय पर कहा गया वचन कितना अच्छा होता है!

24 बुद्धिमान के लिए जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, जिससे कि वह अधोलोक में जाने से बच जाए।

25 यहोवा घमंडियों के घर को ढा देगा, परंतु वह विधवा की भूमि को सुरक्षित रखेगा।

26 दुष्‍टता भरी योजनाओं से यहोवा घृणा करता है, परंतु मधुर वचन मनभावने होते हैं।

27 जो अनुचित कमाई का लोभी है, वह अपने घर पर कष्‍ट लाता है; परंतु जो घूस से घृणा करता है, वह जीवित रहेगा।

28 धर्मी मनुष्य अपने मन में सोचता है कि वह क्या उत्तर दे, परंतु दुष्‍टों का मुँह बुरी बातें उगलता है।

29 यहोवा दुष्‍टों से दूर रहता है, परंतु वह धर्मियों की प्रार्थना सुनता है।

30 आँखों की चमक से मन आनंदित होता है, और अच्छे समाचार से हड्डियाँ पुष्‍ट होती हैं।

31 जिसके कान जीवनदायक डाँट को सुनते हैं, वह बुद्धिमानों के मध्य निवास करेगा।

32 जो शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है; परंतु जो ताड़ना पर ध्यान देता है, वह समझ प्राप्‍त करता है।

33 यहोवा का भय मानने से बुद्धि प्राप्‍त होती है, और आदर प्राप्‍त होने से पहले नम्रता आती है।

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