तितुस 3:3 - उर्दू हमअस्र तरजुमा3 क्यूंके हम भी ईमान लाने से पहले न समझ, नाफ़रमान, फ़रेब खाने वाले और हर तरह की ख़ाहिशों और अय्याशियों की ग़ुलामी में थे। बदनीयती और हसद में ज़िन्दगी गुज़ारते थे। लोग हम से नफ़रत करते थे और हम उन से। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 क्यूँकि हम भी पहले नादान नाफ़रमान फ़रेब खाने वाले रंग बिरंग की ख़्वाहिशों और ऐश — ओ — अशरत के बन्दे थे, और बदख़्वाही और हसद में ज़िन्दगी गुज़ारते थे, नफ़रत के लायक़ थे और आपस में जलन रखते थे। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 क्योंकि एक वक़्त था जब हम भी नासमझ, नाफ़रमान और सहीह राह से भटके हुए थे। उस वक़्त हम कई तरह की शहवतों और ग़लत ख़ाहिशों की ग़ुलामी में थे। हम बुरे कामों और हसद करने में ज़िंदगी गुज़ारते थे। दूसरे हमसे नफ़रत करते थे और हम भी उनसे नफ़रत करते थे। Faic an caibideil |
और ज़मीन के बाशिन्दों को उन मोजिज़ों और निशानात के सबब से, जिन्हें उस हैवान के सामने दिखाने का उस को क़ुव्वत दी गई था, और उन के ज़रीअः उस ने ज़मीन के सब बाशिन्दों को गुमराह किया था। और ज़मीन के सब बाशिन्दों को हुक्म देता था के जिस हैवान को तलवार का ज़ख़्मे-कारी लगा था वो ज़िन्दा हो गया है, इसलिये उस की ताज़ीम में बुत बनाओ।