मुकाशफ़ा 5:6 - उर्दू हमअस्र तरजुमा6 तब मैंने उस तख़्त-ए-इलाही और उन चारों जानदारों और उन बुज़ुर्गों के दरमियान गोया एक ज़ब्ह किया हुआ बर्रा खड़ा देखा। उस के सात सींग और सात आंखें थीं; ये ख़ुदा की सात रूहें यानी पाक रूह है जो तमाम रोय ज़मीन पर भेजी गई हैं। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20196 और मैंने उस तख़्त और चारों जानदारों और उन बुज़ुर्गों के बीच में, गोया ज़बह किया हुआ एक बर्रा खड़ा देखा। उसके सात सींग और सात आँखें थीं; ये ख़ुदा की सातों रूहें है जो तमाम रु — ए — ज़मीन पर भेजी गई हैं। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस6 फिर मैंने एक लेला देखा जो तख़्त के दरमियान खड़ा था। वह चार जानदारों और बुज़ुर्गों से घिरा हुआ था और यों लगता था कि उसे ज़बह किया गया हो। उसके सात सींग और सात आँखें थीं। इनसे मुराद अल्लाह की वह सात रूहें हैं जिन्हें दुनिया की हर जगह भेजा गया है। Faic an caibideil |