मुकाशफ़ा 4:5 - उर्दू हमअस्र तरजुमा5 उस तख़्त-ए-इलाही में से बिजली की चमक और बादलों के गरज की सदाएं निकल रही थीं। और उस तख़्त-ए-इलाही के ऐन सामने आग के सात चिराग़ जल रहे थे। जो ख़ुदा की सात रूहों यानी पाक रूह की निशानदही करते हैं। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20195 उस तख़्त में से बिजलियाँ और आवाज़ें और गरजें पैदा होती हैं, और उस तख़्त के सामने आग के सात चिराग़ जल रहे हैं; ये ख़ुदा की साथ रूहें है, Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस5 दरमियानी तख़्त से बिजली की चमकें, आवाज़ें और बादल की गरजें निकल रही थीं। और तख़्त के सामने सात मशालें जल रही थीं। यह अल्लाह की सात रूहें हैं। Faic an caibideil |