मुकाशफ़ा 4:4 - उर्दू हमअस्र तरजुमा4 उस तख़्त-ए-इलाही के चारों तरफ़ चौबीस बाक़ी तख़्त मौजूद थे जिन पर चौबीस बुज़ुर्ग हुक्मरां सफ़ैद जामे पहने बैठे हुए थे और उन के सरों पर सोने के ताज थे। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 उस तख़्त के पास चौबीस बुज़ुर्ग सफ़ेद पोशाक पहने हुए बैठे हैं, और उनके सिरों पर सोने के ताज हैं। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस4 यह तख़्त 24 तख़्तों से घिरा हुआ था जिन पर 24 बुज़ुर्ग बैठे थे। बुज़ुर्गों के लिबास सफ़ेद थे और हर एक के सर पर सोने का ताज था। Faic an caibideil |
फिर मैंने तख़्त देखे जिन पर वो लोग बैठे हुए थे जिन्हें इन्साफ़ करने का इख़्तियार दिया गया था। और मैंने उन लोगों की रूहें देखें जिन के सर हुज़ूर ईसा की गवाही देने और ख़ुदा के कलाम की वजह से काट दिये गये थे। उन लोगों ने न तो उस हैवान को न उस की बुत को सज्दा किया था, और न अपनी पेशानी या हाथों पर उस का निशान लगवाया था। और वो ज़िन्दा होकर एक हज़ार बरस तक अलमसीह के साथ बादशाही करते रहे।