Biblia Todo Logo
Bìoball air-loidhne

- Sanasan -




मुकाशफ़ा 4:10 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

10 तो वो चौबीस बुज़ुर्ग हुक्मरां ख़ुदा के सामने जो तख़्त-नशीन है, मुंह के बल सज्दे में गिर पड़ते हैं जो अबद तक ज़िन्दा रहेगा। वो अपने ताज ये कहते हुए उस तख़्त-ए-इलाही के सामने डाल देते हैं,

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

10 तो वो चौबीस बुज़ुर्ग उसके सामने जो तख़्त पर बैठा है गिर पड़ेंगे और उसको सिज्दा करेंगे, जो हमेशा हमेशा ज़िन्दा रहेगा और अपने ताज ये कहते हुए उस तख़्त के सामने डाल देंगे,

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

किताब-ए मुक़द्दस

10 तो 24 बुज़ुर्ग तख़्त पर बैठनेवाले के सामने मुँह के बल होकर उसे सिजदा करते हैं जो अज़ल से अबद तक ज़िंदा है। साथ साथ वह अपने सोने के ताज तख़्त के सामने रखकर कहते हैं,

Faic an caibideil Dèan lethbhreac




मुकाशफ़ा 4:10
28 Iomraidhean Croise  

तब वह उस घर में दाख़िल हुए और बच्चे को उस की मां हज़रत मरियम के पास जा कर उन के आगे झुक कर सज्दा किया और अपने डिब्बे खोल कर सोना, लोबान और मुर्र उस को नज़्र किया।


शागिर्दों ने हुज़ूर को सज्दा किया और फिर बड़ी ख़ुशी के साथ यरूशलेम लौट गये।


लेकिन अब मैं जो कुछ हूं, ख़ुदा के फ़ज़ल से हूं और उस का फ़ज़ल जो मुझ पर हुआ बेफ़ाइदा नहीं हुआ, क्यूंके मैंने उन तमाम रसूलों से ज़्यादा मेहनत की और यह मेहनत मैंने अपनी कोशिश से नहीं की बल्के ख़ुदा के फ़ज़ल ने मुझ से वैसे कराई।


और उस ने उस ख़ालिक़ की जो अबद तक ज़िन्दा है, जिस ने आसमान और उस के अन्दर की चीज़ें, और ज़मीन और उस के ऊपर की सब चीज़ों को, और समुन्दर और उस के अन्दर की चीज़ों को पैदा किया है, क़सम खाकर कहा, “अब और देर न होगी।


और उन चौबीस बुज़ुर्गों ने जो ख़ुदा के हुज़ूर अपने-अपने तख़्त पर बैठे हुए थे, मुंह के बल गिरकर ख़ुदा को सज्दा किया और उस की इबादत ये कह कर की,


ऐ ख़ुदावन्द कौन आप का ख़ौफ़ न मानेगा और कौन आप के नाम की तम्जीद न करेगा क्यूंके सिर्फ़ तू ही क़ुददूस है। दुनिया की सब क़ौमें आकर तेरे सामने सज्दा करेंगी क्यूंके तेरे रास्तबाज़ी के काम ज़ाहिर हो गये हैं ये हैं।”


फिर उन चार जानदारों में से एक ने उन सात फ़रिश्तों को सोने के सात प्याले दिये जो अबद तक ज़िन्दा रहने वाले ख़ुदा के क़हर से भरे हुए थे।


तब चौबीसों बुज़ुर्गों और चारों जानदारों ने मुंह के बल गिरकर ख़ुदा को जो तख़्त-नशीन था, सज्दा कर के कहा “आमीन, हल्लेलुयाह!”


तब मैं फ़ौरन पाक रूह की गिरिफ़्त में आ गया और क्या देखता हूं के आसमान में एक तख़्त-ए-इलाही मौजूद है और उस पर कोई बैठा हुआ है।


उस तख़्त-ए-इलाही के चारों तरफ़ चौबीस बाक़ी तख़्त मौजूद थे जिन पर चौबीस बुज़ुर्ग हुक्मरां सफ़ैद जामे पहने बैठे हुए थे और उन के सरों पर सोने के ताज थे।


और जब वो जानदार मख़्लूक़ उस की हम्द-ओ-सिताइश, ताज़ीम और शुक्र गुज़ारी करते हैं जो तख़्त-नशीन है और जो अब्दुल-आबाद ज़िन्दा रहेगा


और फिर चारों जानदारों ने, “आमीन” कहा और बुज़ुर्गों ने गिरकर सज्दा किया।


और जब उस ने वो किताब ली तो चारों जानदार और चौबीस बुज़ुर्ग हुक्मरां उस बर्रे के सामने सज्दे में गिर पड़े। उन में से हर एक के पास बरबत और बख़ूर से भरे हुए सोने के प्याले थे। ये मुक़द्दसीन की दुआएं हैं।


और उन तमाम फ़रिश्तों ने जो उस तख़्त-ए-इलाही के और उन बुज़ुर्गों और चारों जानदारों के गिर्दागिर्द खड़े थे, तख़्त के सामने मुंह के बल सज्दे में गिर पड़े और ख़ुदा को सज्दा कर के,


Lean sinn:

Sanasan


Sanasan