मुकाशफ़ा 17:4 - उर्दू हमअस्र तरजुमा4 वो औरत अरग़वानी और क़िरमिज़ी रंग वाला लिबास पहने हुए थी और सोने, जवाहर और मोतीयों से आरास्ता थी। और उस के हाथ में एक सोने का प्याला था जो मकरूह चीज़ों और उस की ज़िनाकारी की ग़िलाज़त से भरा हुआ था। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 ये औरत इर्ग़वानी और क़िरमिज़ी लिबास पहने हुए सोने और जवाहर और मोतियों से आरास्ता थी और एक सोने का प्याला मक्रूहात का जो उसकी हरामकारी की नापकियों से भरा हुआ था उसके हाथ में था। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस4 यह औरत अरग़वानी और क़िरमिज़ी रंग के कपड़े पहने और सोने, बेशक़ीमत जवाहर और मोतियों से सजी हुई थी। उसके हाथ में सोने का एक प्याला था जो घिनौनी चीज़ों और उस की ज़िनाकारी की गंदगी से भरा हुआ था। Faic an caibideil |