मुकाशफ़ा 13:4 - उर्दू हमअस्र तरजुमा4 उन्होंने अज़दहा की परस्तिश की क्यूंके उस ने अपना इख़्तियार हैवान को दे दिया था, और उन्होंने ये कहते हुए उस हैवान की भी परस्तिश की, “इस हैवान की मानिन्द कौन है और कौन है जो उस से जंग कर सकता है?” Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 और चूँकि उस अज़दहा ने अपना इख़्तियार उस हैवान को दे दिया था इस लिए उन्होंने अज़दहे की इबादत की और उस हैवान की भी ये कहकर इबादत की कि इस के बराबर कौन है कौन है जो इस से लड़ सकता है। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस4 लोगों ने अज़दहे को सिजदा किया, क्योंकि उसी ने हैवान को इख़्तियार दिया था। और उन्होंने यह कहकर हैवान को भी सिजदा किया, “कौन इस हैवान की मानिंद है? कौन इससे लड़ सकता है?” Faic an caibideil |