मुकाशफ़ा 13:2 - उर्दू हमअस्र तरजुमा2 और जो हैवान मैंने देखा उस की शक्ल तेन्दवे की मानिन्द थी, और पांव रीछ के से और मुंह शेर बब्बर का सा था। और उस अज़दहे ने अपनी क़ुदरत, अपना बड़ा इख़्तियार और अपना तख़्त उस हैवान के सुपुर्द कर दिया। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 और जो हैवान मैंने देखा उसकी शक्ल तेन्दवे की सी थी, और पाँव रीछ के से और मुँह बबर का सा, और उस अज़दहा ने अपनी क़ुदरत और अपना तख़्त और बड़ा इख़्तियार उसे दे दिया। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 यह हैवान चीते की मानिंद था। लेकिन उसके रीछ के-से पाँव और शेरबबर का-सा मुँह था। अज़दहे ने इस हैवान को अपनी क़ुव्वत, अपना तख़्त और बड़ा इख़्तियार दे दिया। Faic an caibideil |
लेकिन उस हैवान को और उस के साथ उस झूटे नबी को भी जिस ने उस हैवान के नाम से मोजिज़ाना निशान दिखाये थे, गिरिफ़्तार कर लिया गया। जिस ने ऐसे निशान दिखा कर उन तमाम लोगों को गुमराह किया था, जिन्होंने हैवान का निशान लगवाया था और उस के बुत की परस्तिश की थी। वो दोनों आग की उस झील में ज़िन्दा ही डाल दिये गये जो गन्धक से जलती रहती है।