मुकाशफ़ा 1:3 - उर्दू हमअस्र तरजुमा3 मुबारक है वो जो इस नबुव्वत की किताब को ब-आवाज़ बुलन्द पढ़ता है, और वो मोमिनीन जो इसे सुनते हैं और इस में लिख्खी हुई बातों पर अमल करते हैं; क्यूंके इन बातों के पूरा होने का मुक़र्रर वक़्त नज़दीक है। Faic an caibideilइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 इस नबुव्वत की किताब का पढ़ने वाले और उसके सुनने वाले और जो कुछ इस में लिखा है, उस पर अमल करने वाले मुबारिक़ हैं; क्यूँकि वक़्त नज़दीक है। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 मुबारक है वह जो इस नबुव्वत की तिलावत करता है। हाँ, मुबारक हैं वह जो सुनकर अपने दिलों में इस किताब में दर्ज बातें महफ़ूज़ रखते हैं, क्योंकि यह जल्द ही पूरी हो जाएँगी। Faic an caibideil |