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- Sanasan -




2 तीमु 1:10 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

10 मगर अब वह हमारे मुनज्जी अलमसीह ईसा की आमद से ज़ाहिर हुआ है जिस ने मौत को नेस्त कर दिया और ख़ुशख़बरी के ज़रीये ज़िन्दगी को रोशन कर दिया।

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

10 मगर अब हमारे मुन्जी मसीह 'ईसा के आने से ज़ाहिर हुआ जिस ने मौत को बरबाद और बाक़ी ज़िन्दगी को उस ख़ुशख़बरी के वसीले से रौशन कर दिया।

Faic an caibideil Dèan lethbhreac

किताब-ए मुक़द्दस

10 लेकिन अब हमारे नजातदहिंदा मसीह ईसा की आमद से ज़ाहिर हुआ। मसीह ही ने मौत को नेस्त कर दिया। उसी ने अपनी ख़ुशख़बरी के ज़रीए लाफ़ानी ज़िंदगी रौशनी में लाकर हम पर ज़ाहिर कर दी है।

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2 तीमु 1:10
58 Iomraidhean Croise  

पस अगर तेरा सारा बदन रोशन और कोई हिस्सा तारीक न रहे तो वह सारे का सारा ऐसा रोशन होगा जैसे किसी चिराग़ ने अपनी चमक से तुझे रोशन कर दिया है।”


तब उस ने बाग़बान से कहा, देख, ‘मैं पिछले तीन बरस से इस अन्जीर के दरख़्त में फल ढूंडने आता रहा हूं और कुछ नहीं पाता हूं। इसे काट डाल! ये क्यूं जगह घेरे हुए है?’


के आज दाऊद के शहर में तुम्हारे लिये एक मुनज्जी पैदा हुआ है; यही अलमसीह और ख़ुदावन्द है।


हक़ीक़ी नूर जो हर इन्सान को रोशन करता है, दुनिया में आने वाला था।


हुज़ूर ईसा ने जवाब में फ़रमाया, “राह और हक़ और ज़िन्दगी मैं ही हूं। मेरे वसीले के बग़ैर कोई बाप के पास नहीं आता।


लेकिन जो लिखे गये हैं इन से ग़रज़ ये है के तुम ईमान लाओ के हुज़ूर ईसा ही अलमसीह हैं, यानी ख़ुदा का बेटा हैं, और उन पर ईमान लाकर उन के नाम से ज़िन्दगी पाओ।


उन्होंने उस औरत से कहा, “हम तेरी बातें सुन कर ही ईमान नहीं लाये; बल्के अब हम ने अपने कानों से सुन लिया है और हम जान गये हैं के ये आदमी हक़ीक़त में दुनिया का मुनज्जी है।”


फिर भी तुम ज़िन्दगी पाने के लिये मेरे पास आने से इन्कार करते हो।


“ख़ुदा ने अपने वादे के मुताबिक़, दाऊद की नस्ल से एक मुनज्जी यानी हुज़ूर ईसा को इस्राईल के पास भेजा।


ख़ुदा ने इसी को ख़ुदावन्द और मुनज्जी ठहरा कर अपने दाहने हाथ की तरफ़ सरबुलन्दी बख़्शी ताके वह इस्राईल को तौबा की तौफ़ीक़ और गुनाहों की मुआफ़ी अता फ़रमाये।


लेकिन अब अज़ली ख़ुदा के हुक्म के मुताबिक़ और नबियों के नविश्तों के ज़रीये तमाम ग़ैरयहूदी क़ौमों को बता दिया गया है ताके वह ईमान लायें और ख़ुदा के फ़रमांबरदार बनें।


जो नेक कामों की तलाश में हैं जलाल, इज़्ज़त और बक़ा चाहते हैं, उन्हें वह अब्दी ज़िन्दगी अता फ़रमायेगा।


क्या हम इस ईमान के ज़रीये से शरीअत को मन्सूख़ कर देते हैं? हरगिज़ नहीं! बल्के, इस से शरीअत को क़ाइम रखते हैं।


चुनांचे हम जानते हैं के हमारी पुरानी इन्सानियत अलमसीह के साथ मस्लूब हुई के गुनाह का बदन नेस्त हो जाये ताके हम आइन्दा गुनाह की ग़ुलामी में न रहें।


आख़िरी दुश्मन जो नेस्त किया जायेगा वह मौत है।


इसलिये जब तक ख़ुदावन्द वापस न आयें, तुम वक़्त से पहले किसी बात का फ़ैसला न करो। जो बातें तारीकी में पोशीदा हैं वह उन्हें रोशनी में ले आयेंगे और लोगों के दिली मन्सूबे ज़ाहिर कर देंगे। उस वक़्त ख़ुदा की तरफ़ से हर एक की तारीफ़ की जायेगी।


हम इस ख़ेमा में रहते हुए बोझ के मारे कराहते हैं क्यूंके हम यह लिबास उतारना नहीं चाहते, बल्के उसी पर दूसरा पहन लेना चाहते हैं, ताके जो फ़ानी है वह बक़ा का लुक़मा बन जाये।


तुम जो शरीअत के वसीले से रास्तबाज़ ठहरने की कोशिश कर रहे हो अलमसीह से जुदा हो गये हो; और फ़ज़ल से हाथ धो बैठे हो।


और मैं दुआ करता हूं के तुम्हारे दिल की आंखें रोशन हो जायें ताके तुम जान लो के ख़ुदा ने जिस उम्मीद की तरफ़ तुम्हें बुलाया है, वह कैसी है और वह जलाली मीरास की कितनी बड़ी दौलत जो ख़ुदा ने अपने मुक़द्दसीन के लिये रख्खी है,


और ख़ुदा ने अपनी ख़ुशी से उस पोशीदा मक़सद को हम पर ज़ाहिर कर दिया, जिस का ख़ुदा ने अलमसीह की मारिफ़त अमल में लाने का इरादा किया हुआ था,


उस वक़्त वह बेदीन ज़ाहिर होगा, जिसे ख़ुदावन्द ईसा अपनी फूंक से मार डालेंगे और अपनी आमद की तजल्ली से नेस्त कर देंगे।


पौलुस की जानिब से जो उस ज़िन्दगी के वादे के मुताबिक़ जो अलमसीह ईसा में है, ख़ुदा की मर्ज़ी से अलमसीह ईसा के रसूल हैं,


पस तू हमारे ख़ुदावन्द की गवाही देने से और मुझ से जो उस का क़ैदी हूं शरम न कर बल्के जैसे मैं ख़ुशख़बरी की ख़ातिर दुख उठाता हूं, वैसे तू भी ख़ुदा की दी हुई क़ुदरत के मुताबिक़ इन्जील की ख़ातिर मेरे साथ दुख उठा।


मैं ख़ुदा तआला और अलमसीह ईसा की हुज़ूरी में, जो ज़िन्दों और मुर्दों की अदालत करेगा, और हुज़ूर की दूसरी आमद और उन की बादशाही ज़ाहिर होने की याद दिला कर तुझे ताकीद करता हूं:


मुस्तक़बिल में मेरे लिये रास्तबाज़ी का वो ताज रख्खा हुआ है, जो आदिल और मुन्सिफ़ ख़ुदावन्द मुझे अपने दुबारा आमद के दिन अता फ़रमायेगा। और न सिर्फ़ मुझे बल्के उन सब को भी जो ख़ुदावन्द की आमद के आरज़ूमन्द हैं।


क्यूंके ख़ुदा का वह फ़ज़ल जो सारे इन्सानों की नजात का बाइस है, ज़ाहिर हो चुका है।


और उस मुबारक उम्मीद यानी अपने अज़ीम ख़ुदा और मुनज्जी, हुज़ूर ईसा अलमसीह के जलाल के ज़ाहिर होने के मुन्तज़िर रहें,


लेकिन जब हमारे मुनज्जी ख़ुदा की रहमत और महब्बत ज़ाहिर हुई,


लेकिन ईमान के उन इब्तिदाई दिनों को याद करो जब तुम ने हक़ीक़ी रोशनी पाई और शदीद तकालीफ़ का डट कर मुक़ाबला किया।


शमऊन पतरस की जानिब से जो हुज़ूर ईसा अलमसीह का ख़ादिम और रसूल है, उन लोगों के नाम ख़त, जिन्होंने हमारे ख़ुदा और मुनज्जी हुज़ूर ईसा अलमसीह की रास्तबाज़ी के वसीले से हमारी तरह बेशक़ीमती ईमान पाया है।


बल्के इस से तुम हमारे ख़ुदावन्द और मुनज्जी हुज़ूर ईसा अलमसीह की अब्दी बादशाही में बड़ी इज़्ज़त के साथ दाख़िल किये जाओगे।


ख़ुदा की इलाही क़ुदरत ने हमें वह सब कुछ अता किया है जो ख़ुदापरस्त ज़िन्दगी और दीनदारी के लिये ज़रूरी है, और हमें यह सब कुछ उसी की पहचान के वसीले से बख़्शा गया है, जिस ने हमें अपने ख़ास जलाल और नेकी के ज़रीये बुलाया है।


अगर ऐसे लोग जो अपने ख़ुदावन्द और मुनज्जी ईसा अलमसीह को पहचान कर दुनिया की ख़राबियों से बच निकलने के बावुजूद भी, फिर से उन में फंस कर उन का शिकार होने लगें तो उन की बाद की हालत पहली हालत से ज़्यादा बद्तर होती है।


बल्के हमारे ख़ुदावन्द और मुनज्जी ईसा अलमसीह के फ़ज़ल और इरफ़ान में बढ़ते जाओ। उसी की तम्जीद अब भी हो और अबद होती रहे। आमीन।


ताके तुम उन नुबुव्वतों को जो पाक नबियों ने क़दीम ज़माने से की हैं और हमारे ख़ुदावन्द और मुनज्जी के उस हुक्म को याद रखो जो तुम्हारे रसूलों की मारिफ़त से तुम तक पहुंचा है।


यही कलाम जो ज़िन्दगी है हम पर ज़ाहिर हुआ और हम ने उसे देखा और उस की गवाही देते और तुम्हें इसी अब्दी ज़िन्दगी का पैग़ाम देते हैं जो ख़ुदा बाप के साथ था और हम पर ज़ाहिर हुआ।


और हम ने देख लिया है और अब गवाही देते हैं के आसमानी बाप ने अपने बेटे को दुनिया का मुनज्जी बना कर भेजा है।


इस के बाद मैंने एक और फ़रिश्ते को आसमान से उतरते देखा। वह बड़ा साहिबे इख़्तियार था। उस के जलाल से सारी ज़मीन रोशन हो गई।


जिस के कान हों वह सुने के पाक रूह जमाअतों से क्या फ़रमाता है। जो ग़ालिब आयेगा मैं उसे उस शजरे हयात का फल खाने के लिये दूंगा जो ख़ुदा के फ़िरदौस में है।


फिर मौत और आलमे-अर्वाह को आग की जलती झील में फेंक दिया गया। ये आग की झील दूसरी मौत है।


“मुबारक हैं वो जिन्होंने अपने लिबास धो लिये हैं क्यूंके उन्हें शजरे हयात के फल खाने का हक़ मिलेगा और वो फाटकों से शहर में दाख़िल हो सकेंगे।


पाक रूह और दुल्हन कहती हैं, “आ!” और हर सुनने वाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वो आये; और जो पाने की तमन्ना रखता है वो आबे-हयात मुफ़्त हासिल कर ले।


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